फर्रुखाबाद:(मोहम्मदाबाद) श्री रघुनाथ कथा के अष्टम दिन कथा पांडाल खचा-खच नजर आया| इस दौरान कथा व्यास ने हनुमान, सुग्रीव मिलन और शबरी प्रेम का मनोहारी वर्णन किया|
सहसपुर में चल रही श्री रघुनाथ कथा में बोलते हुए कथा व्यास प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि स्वामी का मन ही सेवक का मन है। क्यों कि स्वामी के हृदय में सेवक का मन वास करता है। जो स्वतः स्फूर्ति व्यवहार करता है वह उसकी निजता है। निजता को कोई ले नहीं सकता। सन्त जी ने कहा बेटियां धन है, बेटियां घर का श्रंगार है, बेटियां एक नहीं दो कुलों का कल्याण करती है| उन्होंने कहा कि श्रेष्ठतम की प्राप्ति कठोरतम तप का परिणाम है।
ग्रहस्थ आश्रम में बहुत कठोर नियमों का निर्णय नहीं लेना चाहिये। नियम सदैव सहज और मीठा होना चाहिये। धर्म में जीवन जीने से सुख और समृद्धि परिवार में सदैव बनी रहती है। सत्य को बदला नहीं जा सकता है। सत्य अपरिवर्तनीय सत्ता है। सुन्दता जीव के सत्कर्मो का फल है। प्रशंसा से जीव में ऊर्जा भर जाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मेरे दर्शन का फल यह है जीव को उसका सहज स्वरूप प्राप्त हो जायेगा हमारा स्वरूप क्या है। हम ईश्वर के अंश है हम आप कैसे है या तो ईश्वर जैसे है या अपने में बुराई दर्शन न करें, अपने में अच्छाईयां दर्शन करें। धीरे-धीरे हमारे अन्दर अच्छाईयां उतरती चली जायेगी। बुराईयां अपने आप हट जायेंगी।
कथा के बाद मुख्य यजमान डाॅ0 अनुपम दुवे एडवोकेट ने अपनी पत्नी मीनाक्षी दुवे, ब्लाक प्रमुख अमित दुवे ‘बब्बन’, अनुराग दुवे ‘डब्बन’ सीतू दुवे एवं परिवार के साथ आरती उतारी। भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इस मौेके पर सांसद मुकेश राजपूत फर्रूखाबाद, शैलेन्द्र अग्निहोत्री चेयरमैन कन्नौज, प्रशून पाठक , पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार, सत्यव्रत पाण्डेय, रामजी पाठक, आशुतोष मिश्रा, शिव प्रताप सिंह चीनू, पंकज मिश्रा, श्याम सुन्दर, कैलाश गुप्ता, निशान्त पाण्डेय लखनऊ, चन्दन त्रिपाठी, सुभाष गौतम मथुरा, जगदीश दुवे एडवोकेट कन्नौज आदि लोग उपस्थित रहे।