लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में कल सातवें चरण का मतदान सम्पन्न होने के बाद आए एक्जिट पोल ने भाजपा के खिलाफ अभियान चलाने वाली पार्टियों के सामने संकट ला दिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ बड़ा गठबंधन बनाने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने उनके सहयोगी दल के मुखिया अखिलेश यादव ने भेंट की। मायावती को आज दिल्ली जाकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करनी थी, लेकिन उन्होंने दिल्ली जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज लखनऊ में मायावती से भेंट करने उनके आवास, माल एवेन्यू पहुंचे। एक्जिट पोल के बाद इन दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे की मुलाकात के तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। गठबंधन के नेताओं को भी 23 मई को नतीजे आने का इंतजार। इससे पहले ही आज अचानक मायावती से अखिलेश यादव की मुलाकात सुर्खियां बन रही है। माना जा रहा है कि आज बैठक में दोनों नेताओं ने सीटों की संख्या का आंकलन किया। दोनों के बीच करीब एक घंटे तक नई सरकार को लेकर बातचीत हुई। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कल आए एग्जिट पोल्स के बाद दोनों नेताओं ने मुलाकात का फैसला लिया है। बैठक में दोनों नेताओं ने सीटों की संख्या का आंकलन किया। गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि यूपी की 80 सीटों में से महागठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिलेगी। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों के साथ जानें पर भी चर्चा की।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती का अनुमान है कि 23 मई को देश का नया पीएम मिलेगा। दोनों नेता 23 मई को ममता बनर्जी और शरद पवार से बातचीत करेंगे। कांग्रेस से मुलाकात 23 मई को नतीजे आने के बाद करेंगे। एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद तीसरे मोर्चे के लिए कवायद शुरू हो गई है। बसपा का साथ पाने को सभी आतुर होते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि आज भी मायावती के साथ अखिलेश की मुलाकात में बेहद गंभीर चर्चा हुई। एग्जिट पोल के पूर्वानुमान में एक बार फिर मोदी सरकार के आने की बात कही जा रही है, लेकिन विपक्ष को अभी भी आस है कि एनडीए बहुमत से दूर रहेगा। इस स्थिति में गैर बीजेपी मोर्चे की सरकार बनाने के लिए विपक्ष की कवायद जारी रही। जहां एक तरफ टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू लगातार विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दे सकते हैं।
कई एग्जिट पोल्स में भाजपा को यूपी में बड़ी जीत दिखाई गई है। गठबंधन को बड़ी हार मिलती दिख रही है। एग्जिट पोल्स में गठबंधन में खास सफलता मिलते हुए नहीं दिखाई दे रही है। इसी कारण दोनों पार्टी के अध्यक्षों के लिए यह चिंता का विषय तो जरूर ही है।