फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) आजादी से लेकर अब तक लोकसभा चुनाव में सांसद की सीट सर्वाधिक कांग्रेस के कब्जे में ही रही| दो बार सपा व तीन बार बीजेपी भी सीट पर अपना कब्जा जमा चुकी है|लेकिन आम जनता को विकास के लिए अभी भी दिल्ली की कुर्सी की तरफ झांकना पड़ता है|
जिले में महिला मतदाताओं की संख्या 721,921,पुरुष मतदाताओं की संख्या 891,793 है| जबकि दोनों की कुल आबादी मिलाकर 1,613,781 है| आगामी 29 अप्रैल को फर्रुखाबाद मतदान करने जा रहा है| लेकिन विकास के नाम पर आम जनता और किसानो को क्या मिला यह किसी को बताने की आवश्यकता नही है| छपाई उद्योग हो या जरदोजी का काम,आलू किसानो की समस्या हो या नमकीन उद्योग में राजनैतिक तड़का अभी तक नही लगा है| जिससे मतदातों के आक्रोश है|
1952 से जन पहली बार देश में लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के ही मूलचंद दुबे सांसद बने| इसके बाद वह 1967 तक लगातार तीन बार कांग्रेस से ही सांसद बने| 1967 में कांग्रेस ने प्रत्याशी बदला और एसी सिंह सांसद निर्वाचित हुए| 1971 में अवधेश चन्द्र कांग्रेस की टिकट पर सांसद बने|
इसके बाद कांग्रेस की सीट 7 साल जीत हासिल नही कर सकी| 1984 में खुर्शीद अलाम खां कांग्रेस की सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा गये| खुर्शीद आलम के चुनाव जीतने के तीन वर्ष बाद ही संतोष भारती जेडी पार्टी से चुनाव जीत गये| 1991 में सलमान खुर्शीद फर्रुखाबाद से सांसद बने| वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस से सलमान खुर्शीद को पुन चुनकर दिल्ली भेजा| इस प्रकार आजादी से अब तक कांग्रेस के आठ बार सांसद फर्रुखाबाद में रहे|बीते 2014 में सलमान खुर्शीद बीजेपी के मुकेश राजपूत से चुनाव हार गये|
फिर सभी पार्टी जनता की अदालत में पेश होने जा रही है| अब फैसला जनता करेगी| किसके सर सजेगा ताज किस पर गिरेगी गाज|