फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश पुलिस ने भले ही अपराधियों को पकडने, गरीबों को न्याय देने आदि में महारथ हासिल न की हो लेकिन अवैध बसूली में नमबर वन है और शायद यह रिकार्ड कभी नहीं टूटेगा|
तिराहे, चौराहों पर पिकेट ड्यूटी करने वाले सिपाहियों की नजर सदैव शिकार पर रहती है| खासकर भाड़े पर चलने वाले वाहनों पर रहती है| बीती रात १०:४५ बजे रेलवे स्टेशन तिराहे पर दिलचस्प नजारा देखने को मिला| ठंडी सड़क की ओर से जैसे ही डीसीएम तिराहे पर पहुँची तो वहाँ गुमसुम बैठे सिपाही की आँखों में चमक आ गई|
जब चालक ने वाहन को चौक बाजार की ओर मोड़ा तभी सिपाही बड़ी फुर्ती से उठा और हाँथ देकर वाहन को रोक लिया और नो इंट्री बताकर चालक से वापस जाने को कहा| चालाक ड्राईवर भी सिपाही की मंशा को समझ गया उअर उसने रुपये निकालकर सिपाही की ओर बढाए| तभी अचानक कैमरे की फ्लैश रोशनी को देखकर सिपाही हडबडा गया|
सिपाही बोला कि मैंने कागज दिखाने को कहा तुम रुपये क्यों दे रहे हो तभी ड्राईवर मुस्कराते हुए डीसीएम नंबर यूपी ८० / ९९२३ को आगे बड़ा ले गया| इस घटना को मुरली पान दुकानदार के अलावा वहाँ मौजूद अनेकों लोगों ने देखा| डीसीएम के पीछे ही वहाँ तिराहे पर खडा पुलिस का बज्र वाहन भी डीसीएम के पीछे चला गया|