नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली जीत ने एक बार फिर से बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अमित शाह की रणनीति असफल रही है. बल्कि इससे पहले भी तीन बार अमित शाह की सारी रणनीति धरी की धरी रह गई थी. पांच राज्यों के चुनाव के नतीजों से पहले भी तीन राज्यों मसलन, कर्नाटक, दिल्ली और बिहार ने अमित शाह की चुनावी रणनीति को ध्वस्त कर दिया है.
विधानसभा चुनाव 2018:
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में राजस्थान की सरकार बनती दिख रही है. छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के विजय रथ को रोककर कांग्रेस ने बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत मिल गया है. हालांकि, मध्य प्रदेश में अब भी पेंच फंसा है. हालांकि, रुझानों में कांग्रेस और बीजेपी में आगे-पीछे की होड़ लगी है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 :
कर्नाटक चुनाव के नतीजों में त्रिशंकु विधानसभा ने पेंच फंसा दिया था. कांग्रेस ने ऐसा चुनावी दांव चला कि येदियुरप्पा को कुर्सी से हटना पड़ा और वहां कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बन गई. भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी लेकिन वह बहुमत के आंकड़े से 8 सीट पीछे रह गई. कांग्रेस को 78 सीटों पर जीत मिली, वहीं जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) 37 सीटें जीतने में सफल रही. वहीं जेडीएस की सहयोगी पार्टी बीएसपी को एक सीट मिली है. भाजपा जैसे ही बहुमत के आकड़े से दूर हुई, कांग्रेस ने 78 सीटों के बावजूद फुर्ती दिखाते हुए 37 सीटों वाले जेडीएस को समर्थन देने का दांव चल दिया. इसके बाद जेडीएस ने भी समर्थन और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश मंजूर कर ली. इस तरह से वहां भी अमित शाह की रणनीति फेल हो गई.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015:
विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में वापस लौटी थी. 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आप के पक्ष में आए और अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस के साथ ही बीजेपी को भी चारोखाने चित कर दिया. 70 सीटों वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP ने विधानसभा की 70 सीटों में से 67 सीटों पर कब्जा जमा लिया था. बीजेपी महज 3 सीटों पर ही विजय पताका फहराने में कामयाब हो सकी और कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी.
टिप्पणियांबिहार विधानसभा चुनाव 2015:
2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. आरजेडी को 80 सीटें मिलीं थीं. जेडीयू को 71 सीटें मिलीं थीं. तब भाजपा को 53 और लोजपा एवं रालोसपा को क्रमश: दो-दो सीटें मिलीं थीं. उस चुनाव में जेडीयू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस का महागठबंधन था. महागठबंधन की तीसरी पार्टी कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थी. इस चुनाव में भी अमित शाह की रणनीति को गहरा धक्का लगा था.