Friday, January 10, 2025
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWSमोदी की हत्या के लिए खरीदे जाने वाले थे ये हथियार,पढ़े

मोदी की हत्या के लिए खरीदे जाने वाले थे ये हथियार,पढ़े

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे कई सनसनीखेज सबूत हाथ लगे हैं। महाराष्‍ट्र पुलिस के एडीशनल डायरेक्‍टर जनरल (एडीजी) परम बीर सिंह ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं जो गिरफ्तार आरोपियों और माओवादियों का और साजिश का संबंध स्‍पष्‍ट कर रहे हैं। इसकी पुष्‍टि होने के बाद ही पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।
महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक आरोपी रोना विल्सन के कंप्यूटर से इस मामले में अहम सबूत हाथ लगे हैं। ये सबूत कंप्यूटर में फाइलों के रूप में सुरक्षित थे। बताया गया है कि ये पासवर्ड प्रोटेक्टेड फाइल्स थी। जिनमें एक बड़ी आपराधिक साजिश के लिए कई आधुनिक हथियारों की लिस्ट थी।
इन हथियारों का है जिक्र
पुलिस की मानें तो रोना विल्सन के कंप्यूटर से मिली हथियारों की लिस्ट वाली फाइल में रूसी, चीनी और अमेरिकी ग्रेनेड लॉन्चर का जिक्र है। जानिए कौन-कौन से हैं ये हथियारः
जीएम-94 ग्रेनेड लॉन्चर
ये एक रशियन ग्रेनेड लॉन्चर है। जिसकी मारक क्षमता 300 मीटर तक है। इसमें तीन राउंड की मैगजीन कैपेसिटी है। यह करीब 5 किलो वजन का होता है और इससे मैनुअली रीलोड किया जाता है।
क्यूएलजेड डब्ल्यू87
यह चाइनीज ग्रेनेड लॉन्चर है, जिसकी मारक क्षमता 600 मीटर तक है। यह एक ऑटोमैटिक हथियार है। जिससे करीब एक मिनट में 500 राउंड तक फायर किए जा सकते हैं।
एम 203 (एम4)
यह एक अमेरिकी हथियार है। डेढ़ किलो वजनी इस हथियार की मारक क्षमता 150 मीटर से लेकर 300 मीटर तक है। इसे एम-4 के नाम से भी जाना जाता है।
चिट्ठी में भी हथियारों का जिक्र
पीबी सिंह ने प्रेसवार्ता में रोना विल्सन की ओर से कामरेड प्रकाश को लिखी गई चिट्ठठी का कुछ अंश भी पढ़ा। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को मारने की साजिश का साफ-साफ जिक्र था। इसमें लिखा है, ‘मुझे उम्मीद है कि आपको ग्रेनेड सप्लाई के लिए दिए जाने वाले 8 करोड़ रुपये की जानकारी मिल गई है। कॉमरेड किशन और बाकी लोगों ने राजीव गांधी की तर्ज पर मोदी राज को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है।’
एडीजी ने बताया कि इन पत्रों से जाहिर होता है कि ये कार्यकर्ता माओवादियों के साथ संपर्क में थे और कानूनी रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे थे। उन्‍होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2017 को हुई घटना के संबंध में 8 जनवरी, 2018 को मामला दर्ज किया गया। जांच से खुलासा हुआ कि माओवादी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश कर रहे थे और गिरफ्तार आरोपी इसमें उनकी मदद कर रहे थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments