झांसी:बैंकों के लिए सिरदर्द बन चुकी एटीएम कार्ड की क्लोनिंग को रोकने के लिए बैंक नियामक आरबीआइ ने सख्ती दिखाई है। आरबीआइ ने सभी बैंकों को निर्देशित किया है कि एक साल के अंदर सभी एटीएम बूथ में एंटी स्किमिंग डिवाइस लगा दिए जाएं। ये डिवाइस एटीएम कार्ड का क्लोन नहीं बनने देते, जिससे इसकी जानकारी सुरक्षित रहती है। यही नहीं, बैंक अभी तक अपने एटीएम बूथ पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर ही चला रहे हैं, इसे दो माह में बदलने को कहा गया है।
एटीएम कार्ड धारक बढऩे के साथ ही ठगों की संख्या भी बढ़ गई है। कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी किसी और तरीके से ठगों ने एटीएम कार्ड की गोपनीय जानकारी बैंक उपभोक्ताओं से जाननी शुरू कर दी और उन्हें खूब चूना लगाया। इस मामले में कुछ जागरूकता बढ़ी तो ठगों ने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग शुरू कर दी। इस प्रक्रिया में उपभोक्ता द्वारा एटीएम में लगाए गए कार्ड की मैगनेटिक स्ट्रिप (पट्टी) के जरिए गोपनीय जानकारी किसी स्टोरेज डिवाइस में कैद कर ली जाती है और फिर किसी क्लोन एटीएम कार्ड के माध्यम से इस गोपनीय जानकारी का उपयोग कर खाते से रुपये निकाल लिए जाते हैं।
ऐसी शिकायतें बढऩे से चिंतित आरबीआइ ने बैंकों को निर्देशित किया है कि साल भर के अंदर ही एंटी स्किमिंग डिवाइस लगाए जाएं। बैंकों के उच्च अधिकारियों को ये डिवाइस लगाने की प्रगति रिपोर्ट हर माह आरबीआइ को भेजनी होगी, जिसकी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा आरबीआइ ने यह भी साफ किया है कि बैंक अभी तक एटीएम बूथ में उस ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं, जो अब सपोर्ट नहीं करता। इसलिए सभी एटीएम बूथ में लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम लगाए जाएं, ताकि एटीएम कार्ड की सुरक्षा में सेंध न लग पाए। नए ऑपरेटिंग सिस्टम लगाने के लिए बैंकों को सिर्फ दो माह का समय दिया गया है।
इसके अलावा बैंकों को कई और सुरक्षा के फीचर दिसंबर, 2018 तक स्थापित करने को कहा गया है। भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि एटीएम कार्ड फ्रॉड के मामले जिस प्रकार बढ़ रहे हैं, उससे बैंक भी चिंतित हैं। आरबीआइ के निर्देशानुसार, सभी सुरक्षा के फीचर जल्द से जल्द लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा एटीएम कार्ड को बायोमेट्रिक सिस्टम से भी जोडऩे की तैयारी है, ताकि अधिकृत व्यक्ति ही उसका प्रयोग कर पाए।