फर्रुखाबाद:केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी का प्रावधान किया गया है| इसके साथ ही साथ सेल टैक्स भी किसी भी खरीदारी पर लगाया जाता है| लेकिन जनपद में बेसिक शिक्षा के द्वारा स्वेटर वितरण का जो तरीका इजाद किया गया| उससे जीएसटी का लाखों का चूना जरूर लगा है| लेकिन मजे की बात यह है कि अब जिला प्रशासन प्रधानाचार्य के द्वारा किस दुकान का बिल वाउचर लगाकर पैसा खाते से निकालेगा|
जीएसटी के नियम के अनुसार स्वेटर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू होती है| जनपद में कुल 1888 जूनियर व प्राइमरी विधालय है| जिसमे अभी केबल प्राइमरी के विधालयों में ही स्वेटर का वितरण हुआ है| प्राइमरी में लगभग 2 लाख छात्र-छात्रायें है| जिसमे लगभग एक करोड़ के लगभग धनराशि बीएसए के खाते में आ गयी| लेकिन विधालय प्रबंध समिति के खाते में नही पंहुची| मजे की बात यह है कि यदि पैसा ठेकदारों को दिया जायेगा तो वह किस आधार पर भुगतान होगा| प्रधानाचार्य किसी दुकान से खरीद दिखाकार उसका बिल बाउचर लगायेगा| जिसके तहत जीएससी उस पर लागू होगी| पूरे जिले में लाखो रूपये की जीएचटी चोरी हो रही है| अभी तक केबल ठेकेदार स्वेटर वितरण कर रहे थे| विधालयों में प्राइमरी के छात्रों को स्वेटर भी मिले| लेकिन यदि जीएचटी भुगतान की पर्ची मांगी जाये तो किसी भी विधालय के हेडमास्टर के पास यह पर्ची उपलब्ध नही होगी| जिससे लाखो की जीएसटी चोरी का खेल होने की तैयारी है| अभी तक ना ही जूनियर व ना ही प्राइमरी के विधालयो की प्रबंध समिति के खातो में धनराशि अभी भेजी गयी| नगर शिक्षा अधिकारी सोमवीर सिंह ने यह कहते हुये किनारा कर लिया की वह अभी बाहर है उन्हें स्वेटर वितरण की कोई जानकारी नही है| बीएसए अनिल कुमार ने बताया कि सभी विधालयों की प्रबंध कमेटी के खाते में धनराशि भेजी जा रही है|
सीटीओ जीएचटी संतोष हजेला ने जेएनआई को बताया की मामले की गम्भीरता से जाँच कर यदि यह है तो कार्यवाही की जायेगी|