नई दिल्ली: करीब एक दशक लंबी यात्रा के बाद आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) शुक्रवार को आधी रात से लागू हो जाएगा, जिसके लिए संसद के केंद्रीय हॉल में आधी रात को विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, सांसद, राज्यों के वित्तमंत्री और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। जीएसटी को लांच करने के लिए शुक्रवार आधी रात को एक घंटे का कार्यक्रम रखा गया है, जिसने आजादी के बाद 1947 के ‘नियति से साक्षात्कार’ क्षण की यादें ताजा कर दी हैं।
इस मौके पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपने उदगार व्यक्त करेंगे और जीएसटी के बारे में दो लघु फिल्में भी दिखाई जाएंगी। साल 1947 की 14-15 अगस्त की आधी रात को देश ने अंग्रेजों से आजादी हासिल की थी और संसद के केंद्रीय हॉल में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘नियति से साक्षात्कार’ का प्रसिद्ध भाषण दिया था। जीएसटी को तैयार करने में पिछली सरकार की भूमिका को देखते हुए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच.डी. देवेगौड़ा को आमंत्रित किया है। हालांकि कांग्रेस इस समारोह में शामिल होगी या नहीं, इस पर अभी पार्टी ने कुछ नहीं कहा है।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने 30 जून की आधी रात को होने वाले इस विशेष समारोह में भाग नहीं लेने का फैसला किया है और कहा है कि सरकार अखिल भारतीय कर सुधार को लागू करने में ‘अनावश्यक विनाशकारी जल्दीबाजी’ कर रही है। राजनीतिक दलों के सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर राजनीतिक दल इस समारोह का बहिष्कार करेंगे और इस आयोजन से दूर रहेंगे।
इस मुद्दे पर बुधवार को विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार के नामांकन दाखिल करने के दौरान अनौपचारिक रूप से बातचीत हुई थी।