लखनऊ : उत्तर प्रदेश को अब उत्तम प्रदेश बनने से कोई नहीं रोक सकता, ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसा तो आप खुद कहेंगे इस बेहद सनसनीखेज खबर को पढ़ने के बाद. सीएम योगी प्रदेश में कानूनों का सही तरीके से पालन हो इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं और अब इसी सिलसिले में योगी सरकार ने एक जबरदस्त फैसला सुनाया जिससे राजनीति में भूचाल ही आ गया है.
नयी गाइडलाइन्स
हाल ही में सीएम योगी ने प्रदेश में अवैध कत्लखाने बंद करने के आदेश जारी किये थे. अब जो नयी गाइडलाइन्स जारी की गयी हैं उनसे तो मीट का कारोबार करने वालों के हाथ-पैर ही ढीले हो गए हैं. प्रशासन की नयी गाइडलाइन्स के मुताबिक़ –
1. जानवरों या पक्षियों को दुकान के अंदर नहीं काट सकते, बल्कि केवल कत्लखानों में ही कटवाया जा सकता है.
2. कटवाने के बाद मीट को इंसुलेटेड फ्रीजर वाली गाड़ियों में ही क़त्लखानों से दुकान तक ले जाया जाए.
3. बीमार या प्रेगनेंट जानवरों को नहीं काटा जा सकता.
4. किसी पशु डॉक्टर से मीट की क्वॉलिटी को प्रमाणित कराना होगा.
5. मीट की दुकानों पर काम करने वाले सभी वर्करों को सरकारी डॉक्टर से अनिवार्य रूप से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना होगा.
6. मीट की दुकानें धार्मिक स्थलों से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर और धार्मिक स्थलों के मुख्य द्वार से कम से कम 100 मीटर की दूर पर हों.
7. मीट की दुकानें सब्जी की दुकानों के पास भी ना हों ताकि शाकाहारी लोगों को दिक्कत ना हो.
8. मीट की दुकानों के बाहर पर्दे या गहरे रंग के ग्लास लगे हों ताकि जनता को नजर न आए.
9. कटे हुए मीट को खुले में नहीं बल्कि फ्रिज में रखा जाए. जिस फ्रिज में रखा जाए उसके दरवाजे पारदर्शी होने चाहिए.
10. मीट की दुकानों में इस्तेमाल होने वाले चाकू व् अन्य धारदार हथियार स्टील के बने होने चाहिए.
11. हर मीट की दुकान पर गीजर भी जरूर होना चाहिए.
12. स्वच्छता बनाये रखने के लिए मीट की दुकानों में हर 6 महीने में सफेदी भी करानी होगी.
13. मीट के दुकानदार कूड़े को यहाँ-वहां नहीं फेक सकते क्योंकि इससे गन्दगी व् इन्फेक्शन फैलने का ख़तरा बना रहता है इसलिए मीट की दुकानों में कूड़े के निपटारे के लिए भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.
14. कत्लखानों से खरीदे जाने वाले मीट का पूरा हिसाब-किताब भी रखना होगा.
15. शहरी इलाकों में मीट बेचने का लाइसेंस लेने के लिए आवेदकों को पहले सर्किल ऑफिसर और नगर निगम की इजाजत लेनी होगी. उसके बाद फूड सेफ्टी एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) भी लेनी होगी.
16. ग्रामीण इलाकों में बेचने का लाइसेंस लेने के लिए आवेदकों को ग्राम पंचायत, सर्किल अफसर और एफएसडीए से एनओसी लेनी होगी.
17. फ़ूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) के किसी मानक का उल्लंघन होते ही लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा.
क़ानून पुराने ही हैं, बस सख्ती से पालन करवाया जा रहा है !
ऐसे कई मानक हैं, जिनकी जानकारी हाल ही में यूपी सरकार ने मीट कारोबारियों को भेजी है. नयी गाइडलाइंस के मुताबिक मीट कारोबारियों को कानूनों का सही तरीके से पालन करना होगा. वहीँ मीट कारोबारियों का कहना है कि मीट बेचने के लिए जारी की गयी गाइडलाइंस में जरूरी सुविधाओं की लिस्ट इतनी लंबी-चौड़ी है कि ज्यादातर दुकानदार इनका पालन कर ही नहीं पाएंगे और उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी, जिससे पूरा व्यापार ही ठप्प पड़ जाएगा.
वहीँ इस विषय पर अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मीट बेचने जुड़े कोई नए नियम नहीं बनाये हैं, बल्कि ये नियम काफी पहले ही नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी किये गए थे. पिछली सरकारों की काहिलियत के कारण अभी तक मीट बेचने का कारोबार नियम-कायदों के पालन किये बिना ही मनमाने ढंग से चल रहा था, हम तो केवल पहले से बने कानूनों का पालन भर करवा रहे हैं.