नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में कल शांत होती लग रही लड़ाई ने आज फिर नया मोड़ ले लिया। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाये जाने समेत सभी पारित प्रस्तावों को अवैध करार देते हुए सम्मेलन के कर्ताधर्ता सपा महासचिव रामगोपाल यादव को फिर पार्टी से निकाल दिया।
अधिवेशन में सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये गये शिवपाल सिंह यादव द्वारा ट्वीट किये गये मुलायम के हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति लिये बगैर बुलाये गये सपा के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन में हुए फैसले अवैध हैं। इस कदम के बाद सपा में एक बार फिर टूट के आसार नजर आ रहे हैं। पत्र के अनुसार पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक में इन तमाम फैसलों और तथाकथित राष्ट्रीय अधिवेशन की तमाम कार्यवाही को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसकी निंदा की गयी और अधिवेशन के कर्ताधर्ता रामगोपाल यादव को छह साल के लिये पार्टी से निकाले जाने का निर्णय किया गया।
बिना लेटर हेड वाले इस पत्र के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक में सपा प्रमुख द्वारा गत 28 दिसम्बर को जारी प्रत्याशियों की सूची को अनुमोदित करते हुए बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिये मुलायम को अधिकृत किया गया। खत के मुताबिक संसदीय बोर्ड ने आज के अधिवेशन के बाद फैले भ्रम को दूर करने के लिये आगामी पांच जनवरी को पार्टी का आकस्मिक राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का निर्णय भी किया है। बता दें राष्ट्रीय अधिवेशन में पास हुए इन प्रस्तावों के बाद शिवपाल यादव मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे। वहीं अमर सिंह भी लंदन से दिल्ली आ रहे हैं वो सोमवार को मुलायम से मुलाकात करेंगे।