फर्रुखाबाद:एक तरफ काले कुबेर नई करंसी का खजाना जोड़ चुके हैं तो आम आदमी एक अदद नोट के लिए एटीएम की लंबी लाइनों में लगने को मजबूर है। आम आदमी के लिए कैश की किल्लत आज भी रोज से ज्यादा ही रहेगी क्योंकि वीकएंड की वजह से बैंक बंद हैं। ये किल्लत इस बार सोमवार को भी खत्म होने की उम्मीद नहीं है। आम आदमी के सामने आज बस यही सवाल है कि कैश के बिना करे तो क्या करें?
नोटबंदी का आज 33वां दिन है, लेकिन लाइनें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुसीबत की बात ये है कि बैंकों की छुट्टी का आज दूसरा दिन है और बैंक सोमवार को भी ईद-उल-मिलाद के त्यौहार की वजह से बंद ही रहने वाले हैं। बैंक बंद रहने का मतलब केवल कैश निकालने के दरवाजे बंद होना ही नहीं है बल्कि खाली एटीएम भरने की रफ्तार का भी सुस्त होना है।
यूं भी कैश से लबालब एक अदद एटीएम की तलाश आम आदमी के लिए चुनौती बना हुआ है। दो हजार के नए नोट के लिए भले ही एटीएम मशीनों में बदलाव के लिए बड़े-बड़े आंकड़ों के दावे किए गए हों, लेकिन अभी भी ज्यादातर एटीएम या तो बंद हैं या फिर उनमें कैश नहीं है। शनिवार को तो हालात ये थे कि लोग उन एटीएम के बाहर भी लंबी-लंबी कतार लगाकर डटे रहे जो खाली थे, लेकिन कैश डाले जाने की उम्मीद थी। रविवार को शहर के कई एटीएम सुबह से बंद देखे गये|
अब ज्यादातर एटीएम जब काम ही नहीं करेंगे तो आम आदमी को तकलीफ होनी तो लाजिमी है। इस तकलीफ में पब्लिक के दर्द पर नमक छिड़ने का काम करने वाली है बैंकों की छुट्टी यानी अगर वीकएंड पर आप कहीं घूमने फिरने की योजना बना रहे हैं तो या तो कुछ घंटे कतार में बिताने की तैयारी कर लीजिए या फिर घूमने की तैयारी कुछ ऐसी कीजिए, जिसमें कैशलेस होने से काम चल सकता हो।