फर्रुखाबाद:शिया पर्सनल ला बोर्ड के मौलाना कल्बे जव्वाद ने जनपद पँहुचकर सरकार के मंत्री आजम खां की नीयत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा की वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जे को लेकर सरकार की कार्रवाई में खोट नजर आ रही है|
मौलाना का मानना है कि इस मामले में सरकार के मंत्री आजम खां तथा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नीयत में खोट है। मौलाना कल्बे जव्वाद में सरकार के मंत्री आजम खां की नीयत पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आजम खां ने खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को वक्फ संपत्तियों में घोटाले की सीबीआई जांच कराने को पत्र लिखा था, लेकिन बाद में उन्होंने अपने लोगों को वक्फ बोर्डों का अध्यक्ष बनवा लिया और खामोश बैठ गए। प्रदेश सरकार ने सीबीसीआईडी से जो जांच कराई उसमें बोर्ड में शामिल लोगों की मिलीभगत सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे जाहिर है कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री की भी नियत साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात कर वार्ता कर चुके हैं। लेकिन कोई हल नहीं निकला। वह वक्फ संपत्तियों की हिफाजत के लिए अपनी मुहिम को जारी रखेंगे।
मौलाना कल्बे जव्वाद का मानना है कि इस्लाम में एक सांस में तीन तलाक की कोई गुंजाइश ही नहीं है। उन्होंने कहा कि शिया पर्सनल ला बोर्ड की ओर से जारी निकाहनामे के नवीन ड्राफ्ट से तलाक संबंधी विवादों में कमी आएगी।उन्होंने कहा एक बार तलाक कहने के बाद शरई नजरिए से न सही लेकिन अखलाकी एतबार से निकाह टूट जाता है। ऐसे में दोबारा या तिबारा तलाक कहने का अखलाकी हक भी शौहर से खत्म हो जाता है। इसलिए दूसरी और तीसरी तलाक के बीच में वक्फा और सुलह की गुंजाइश होनी चाहिए। फिर भी अगर बात नहीं बने तो किसी मजहबी रहनुमा से बात करनी चाहिए। तलाक अंतिम विकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा नए निकाहनामे से कई सामाजिक समस्याएं कम हो सकेंगी। उन्होंने इसे पूरी तरह से इस्लाम के दायरे में बता