फर्रुखाबाद: पूरा देश जन्माष्टमी पूरी श्रद्धा से मना रहा है| बाजारों में लड्डू गोपाल की बिक्री भी और पूजा करने का दौर भी शुरू हो गया है| नटवर नागर तो सभी पर अपनी रहम की वर्षा कर रहे है| बाजारों में मटकी वाले की मूर्ति की बिक्री भी पूरे जोर से चल रही है| गुरुवार की शाम माखन चोर का जन्मदिन इन्ही मूर्तियों की पूजा-अर्चना के साथ किया जायेगा| भगवान किसी के लिये तो रोजगार का साधान बन गये है तो किसी के लिये श्रद्धा की मूर्ति|
फर्रुखाबाद-फ़तेहगढ़ मार्ग पर बीते कई दिनों ने भगवान को बनाने का कार्य चल रहा है| नन्ही राधा भी अपने पिता के साथ जन्माष्टमी के लिये मूर्ति तैयार कर रही है| नन्हे हाथो से भगवान श्रीकृष्ण के रूप में और चार-चाँद लगाने का पूरा प्रयास राधा कर रही है| कई दिन से दिन रात जाग कर दर्जनों की संख्या में राधा और उसके पिता ने दर्जनों की संख्या में नंदलाल की आकर्षक मूर्तियों को बनाकर रखा है| उसके लिये मूर्तियों से चार पैसे आना ही मुख्य उद्देश्य है| वही अपने घर से नये नबेले सुंदर से कान्हा खरीदने का सपना लिये श्रद्धालु उन मूर्तियों को खरींदने के लिये आ रहे है | कहते है कि भगवान सभी की सुनता है|
श्रद्धालु भगवान को मूर्ति रूप में देखकर उन्हें अपने घर ले जाने के लिये मोलभाव भी करते है |बाजारों में इसी तरह ना जाने कितने प्रकार की भगवान श्रीकृष्ण की मनोहारी मूर्तियाँ सजी है| जिसके निर्माता को शायद कोई नही जानता लेकिन खरीदने वाले इस विशवास से मूर्ति खरीद रहे है कि कान्हा ही हम सब का निर्माता है | यही विश्वास उन मूर्ति के कलाकारों की दो जून की रोटी है |