फर्रुखाबाद:(कंपिल) आदमी चांद पर पंहुच गया लेकिन समाज के किसी ना किसी कोने में आज भी अंधविश्वास का बीज जमीन में दबा मिल जाता है| चिकित्सा क्षेत्र ने भी दिन दूनी और रात चौगनी तरक्की की है| आज मौत को छोड़कर चिकित्सको के पास लगभग हर बीमारी का इलाज है| लेकिन इसके बाद आज फिर कुछ तांत्रिको ने चिकित्सा जगत हो चुनौती देने का प्रयास किया| जब उन्होंने एक मृत आदमी को जिंदा करने का दबा किया| देखने वालो की भीड़ इस बात से लग गयी की आखिर मौत के विस्तार पर सोया एक आदमी अचानक जिंदा कैसे हो जायेगा| लोग उसके मरेगे के गम को भूलकर उसके जल्द जिंदा होने की आस में साधुओ की तरफ टकटकी लगाये देख रहे थे| कई लोग एक मृत अधेड़ के शब पर मन्त्रो की गोली दाग रहे थे| क्या उन्हें मौत पर विजय मिली| पढ़े पूरी खबर ……..
थाना कंपिल के गाँव राईपुर चिनहटपुर निवासी 62 वर्षीय रामभरोसे पुत्र जोधा सिंह की शनिवार को सुबह अपने खेत से लौटते समय सांप के काटने से मौत हो गयी थी| जिसके बाद परिजन उसे सीएचसी ले गये थे| जंहा चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया | परिजन फूट-फूट कर रो रहे थे| तभी उने जानकारी मिली की कुछ जोगी इसे जिंदा कर देंगे| जिस पर परिजन ने कायमगंज, पटियाली, रामपुर के साथ आस-पास के कई गाँवो के तांत्रिको को बुलाया| तांत्रिको ने यह दबा किया कि वह मंत्रो की दम पर रामभरोसे को जिंदा कर देंगे|
फिर क्या था अंधविश्वास की दुकान सज गयी| मरता क्या ना करता| परिजनों ने भी पूरी आस्था के साथ तांत्रिको के सामने वृद्ध की लाश रख दी | तांत्रिक कई तरीके से उसे जीवित करने का प्रयास करते रहे| कई घंटे बीत जाने के बाद जब रामभरोसे जिंदा नही हुये तो तांत्रिको ने हाथ खड़े कर दिये| जिस पर परिजन पुन: रोने लगे| फिलहाल कुछ भी हो लेकिन समाज में लोगो की मजबूरी का फायदा उठाकर उसकी जेब काटकर और अपनी जेबे भरने का पुराना रिवाज आज भी कायम है | रामभरोसे तो जिंदा नही हुआ लेकिन तांत्रिको ने फिर भी यह दबा किया की यदि उनकी दी हुई दबा इसके पेट में चली जाये तो वह जीवित हो जायेगा |लेकिन उन्हें यह शायद नही पता की लाशे दवा नही पीती| (कुलदीप कुमार कंपिल)