मुंबई: मुंबई में घर और वो भी 600 रुपये की ईएमआई पर और रजिस्ट्रेशन फीस मात्र 5600 रुपए। सुनकर आप चौंक गए होंगे। हम भी चौंक गए। हमें किसी घपले की बू आ रही थी। इसीलिए हमने फैसला किया कि हम इसकी पड़ताल करेंगे। सीएनबीसी-आवाज़ की टीम ने मुंबई से दिल्ली तक जो पड़ताल की उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दिल्ली में हमारी पड़ताल में क्या पता चला पहले ये जानिए।
मुंबईवासियों के लिए ये खबर गौर करने वाली है। अगर आप मुंबई में घर खरिदना चाहते हैं और आपके सामने कोई 80 फीसदी डिस्काउंट पर घर देने की ऑफर लेकर आए तो जरा सावधान हो जाइएगा। सीएनबीसी-आवाज़ ने रियल एस्टेट की ऐसी ही एक ऑफर को लेकर जब पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया।
ऑल इंडिया महाराष्ट्र अर्बन हाउसिंग पॉलिसी के तहत मुंबई में अपना घर 80 फीसदी डिस्काउंट और साथ में 600 या 1200 रुपये महीना देकर बुक कीजिए। इसके लिए ग्राहक को 5600 रुपये रजिस्ट्रेशन चार्ज देना होगा। इस प्रकार का इस्तेहार जब सीएनबीसी-आवाज़ के सामने आया तो हमे संदेह हुआ कि मुंबई में इतने सस्ते मकान कैसे? इसी सवाल का जवाब ढूंढने हम पहुंचे इसमें दिये गये उनके दिल्ली ऑफिस के पते पर लेकिन वहां पहुंच कर चौंकाने वाला सच सामने आया।
80 फीसदी डिस्काउंट पर घर खरिदने के लिए आपको एक फॉर्म भरकर यहां जो पता दिया है एफ-56, हिमालया, अपोजिट हाउस, केजी मार्ग, नई दिल्लीतो कुरियर करना है। सीएनबीसी-आवाज़ की टीम उसी पते पर पहुंची और हम आपको बता दें कि जब हमने 5वीं मंजिल पर पता किया तो हमें मालूम पड़ा कि वहां पर इनका कोई ऑफिस नहीं है। बल्कि वहां पर श्रीराम एक्सपोर्ट को कोई ऑफिस है जहां के एम्पलॉई से हमने बात की उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी से उनका कोई लेना देना नहीं है।
पता गलत पाए जाने के बाद हमने यहां दिए गए नंबर पर कॉल किया तो पहले तो उन्होंने उठाया नहीं और उठाया तो बात करने से पहले ही काट दिया। आखिरकार जब हमने नकली नाम के साथ दिल्ली से ग्राहक के तौर पर बात की। फिर हमने उनकी वेबसाइट सर्च करने की कोशिश की लेकिन यहां पर जो साइट का नाम दिया गया है वो भी आधा अधूरा है जिसके चलते इस एड्रेस का कोई पेज मौजूद ही नहीं है। यानी पहली नजर में तो ये पिछड़े लोगों के बचे कुचे पैसे हथियाने का नया तरीका दिखाई दे रहा है।
ये तो हुए दिल्ली में हमारी पड़ताल के नतीजे। अब आपको बताते हैं मुंबई में क्या हो रहा है। दरअसल कौड़ियों के दाम घर देने का वादा मुंबई में था। इसलिए हमारी टीम वहां भी गई जहां घर देने का वादा था और हमारी टीम उन लोगों से भी मिली जिनको सस्ते घर का ख्वाब दिखाया गया था। हमें पता चला कि कुछ लोग स्लम एरिया में जाकर पर्चे बांट रहे थे। हमें कुछ ऐसे लोग भी मिले जिन्होंने पर्चे देखकर पैसे भी दे दिए। इसके लिए बाकायदा इन्हें रसीद भी दी गई। अब तक सैंकड़ों लोग पैसे दे चुके हैं।
जो पर्चा बांटा जा रहा है उसपर गलत ही सही लेकिन लिखा है महाराष्ट्र अर्बन हाउसिंग। लिहाजा हमने महाराष्ट्र के हाउसिंग मिनिस्टर से भी पूछा कि क्या सरकार सस्ते में घर देने की कोई योजना बनाई है? महाराष्ट्र सरकार के हाउसिंग मिनिस्टर प्रकाश मेहता ने साफ कर दिया है कि ऐसी किसी स्कीम से सरकार का वास्ता नहीं है। हमने इस मामले में कार्रवाई के लिए कमिश्नर को बोला है और किसी को दिक्कत हो तो वो पुलिस में शिकायत कर सकता है।