हाई कोर्ट के फैसले से दुखी, अब तक नौ शिक्षा मित्रों की जान गयी

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student-suicide_313JNIDESK: इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से सूबे में एक लाख 75 हजार शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद्द किए जाने से लोगों को गहरा सदमा है। प्रदेश के कई इलाकों से हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्र के तौर पर काम करने वाले कई लोगों के आत्महत्या करने की खबरें है। शनिवार को आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद कन्नौज में एक शिक्षामित्र ने ट्रेन से कटकर जान दे दी तो दूसरा फ़ासी पर लटक गया|

सोनभद्र में पी.एस खराटिया को फैसला सुनने के बाद ऐसा सदमा लगा कि हार्टअटैक से उनकी जान चली गई। हाईकोर्ट का फैसला लंबे अरसे से रोजगार की आस लगाए बैठे शिक्षामित्रों पर कहर बनकर टूटा है। नियुक्ति रद्द होने का फैसला सुनने के बाद से ही समायोजित शिक्षक सुरेंद्र राम की हालत नाजुक है, वह हॉस्पिटल में भर्ती है।

पूर्वांचल के गाजीपुर जिले में एक शिक्षामित्र ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। भानपुर में एक शिक्षामित्र की सदमे के चलते दिमाग की नस फटने से मौत हो गई। यही नहीं चंद्रपुर में तो एक महिला ने कोर्ट का फैसला सुनते ही दम तोड़ दिया। एटा जिले में समायोजित शिक्षक महिपाल सिंह ने गोली से अपनी जीवन लीला की समाप्त कर ली। अब तक करीब आठ शिक्षा मित्रों की जान जा चुकी है।

गौरतलब है कि यूपी सरकार ने इन शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त करने का फैसला लिया था। लेकिन हाईकोर्ट ने शनिवार को इसे नियमों के विपरीत बताते हुए रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने निर्धारित योग्यता न होने तथा बिना संस्तुति वाले पदों के आधार पर नियुक्तियों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के फैसले के बाद लंबे अरसे बाद रोजगार पाने वाले शिक्षामित्र गहरे सदमे में हैं।