फर्रुखाबाद: गुरुवार को आवास विकास में निजी विधालय की दीवार गिरने से तकरीबन डेढ़ दर्जन बच्चे अस्पताल पंहुचे| घटना के बाद से प्रशासन अपनी साख बचाने में लग गया है| बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया है की जनपद के सभी निजी विधालयो की जाँच करायी जाये| जिसके मानक पुरे नही है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी| वही विभाग की ही सरपरस्ती में चल रहे तकरीबन दो दर्जन सरकारी विधालय मौत के मुहाने पर बसे है| जिनकी तरफ किसी कभी ध्यान नही जा रहा है| इन विधालयो में कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है|
नगर क्षेत्र मे कुल 61 प्राइमरी व 10 जूनियर विधालय है| जिसमे प्राइमरी की अगर बात करे तो 61 में से लगभग 40 किराये के भवनों में चल रहे है| और मजे की बात यह है की उसमे से लगभग 22 प्राइमरी विधालय मौत के मुहाने पर है| जर्जर इन विधालय भवनों को दुरुस्त कराने का काम बड़े पैमाने पर होता है लेकिन केबल फाइलो में| लाखो रुपये प्रति वर्ष मासूमो पर खर्च केबल होता है तो केबल फाइलो में| मजे की बात यह है की इतना सब होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ईमानदार होने का ढोल पिटते नजर आते है|
कुल मिलकर कोई कुछ करना नही चाहता|
नगर में प्राथमिक विधालय हाथीखाना, तलैया लेन, कन्या प्राथमिक विधालय नवदिया, प्राथमिक विधालय बीबीगंज, अंगूरीबाग, घोडा नखास, प्राथमिक विधालय साहवगंज, कन्या प्राथमिक विधालय साहबगंज, नईबस्ती, गढ़ी कोहना,भाऊटोला आदि मुख्य है| जिनमे ना बच्चो के पीने के पानी की व्यवस्था है और ना शौचालय की सुबिधा लेकिन शासन को विभाग सब कुछ ठीक ठाक की रिपोर्ट भेज रहा है|