बाढ़ग्रस्त आधा सैकड़ा विधालयो में नही बंट सकी निशुल्क पुस्तके

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baadh 2फर्रुखाबाद: कहते है की बिनाश के बाद ही विकास होता है| यह कहावत बेसिक शिक्षा विभाग पर पूरी तरह सटीक बैठती है| जिले में जब भी बाढ़ आती है| बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ चर्चित अधिकारियो व कर्मचारियों को जरूर लाभ होता है| वही इस वर्ष भी शायद यही होने बाला है| बाढ़ से लगभग दो व्लाको के तकरीवन आधा सैकड़ा से अधिक विधालयो में निशुल्क पुस्तको का वितरण नही किया है| जबकि बाढ़ से पहले ही पुस्तके विभाग को आबंटित करा दी गयी थी|
जनपद के शमशाबाद व राजेपुर व्लाक में इन दिनों बाढ़ का प्रकोप है| गांवो में त्राहि-त्राहि मची हुई है| इन्ही व्लाको के आधा सैकड़ा विधालय पानी भर जाने के कारण पिछले कई दिनों से बंद चल रहे है| जिनमे बाढ़ आने का बहाना बना कर विभागीय अधिकारी हजारो की संख्या में किताबो को डंप कर चुके है| जिन्हें पिछले वर्ष की तरह की गोलमाल कर दिया जायेगा|
पिछले वर्ष तत्कालीन सहायक शिक्षा निदेशक विनय कुमार गिल ने छापा मार कर व्लाक संसाधन केंद्र शमशाबाद में तीन कक्षों में भरी हुई पुस्तके पकड़ी थी| जिन्हें अधिकारियो ने अपनी साख बचाने के चक्कर में यह कह दिया था की बाढ़ आ जाने के कारण इन किताबो का वितरण नही हो सका था| लेकिन बाद में उन पुस्तको का क्या हुआ यह किसी को भी नही पता ! |
वही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिन के अन्दर किताबो का पूर्ण वितरण सुनिश्चित करा कर रिपोर्ट सौपने को कहा है| नही तो विभागीय कार्यवाही की जाएगी|