लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का इलाज खोज रही सरकार के पास अफसरों के तबादलों के सिवाय शायद कोई और चारा नहीं बचा है। यूपी सरकार को इसकी परवाह नहीं है कि कोई अफसर अपने इलाके में काम कर रहा है या नहीं। उसे लगता है कि अफसरों का तबादला करते रहे। जनता समझेगी की सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक महीने में करीब ढाई सौ अफसरों के तबादले कर चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही है। रविवार की रात फिरोजाबाद में गश्त के दौरान दो पुलिसवालों की हत्या कर दी गई। एक बार फिर सूबे की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे और अखिलेश सरकार ने फिर पुराने ढर्रे को अपनाते हुए 12 घंटे के भीतर 41 आईपीएस के तबादले कर डाले।
इनमें एक दर्जन जिलों के पुलिस कप्तान, आईजी और एसपी भी शामिल हैं। बदायूं में दो बहनों की गैंगरेप और हत्या के बाद 21 दिनों में कुल 68 आईपीएस, पीपीएस, आईएएस और पीसीएस अफसरों के तबादले हो चुके हैं। 12 मई को लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से अखिलेश सरकार 69 आईएएस, 83 आईपीएस, 44 पीपीएस और 48 पीपीएस अफसरों के तबादले कर चुकी है।
दो साल तीन महीने पुरानी सरकार अब तक 2896 तबादले कर चुकी है। दारोगा और सिपाहियों का आंकड़ा करीब 58 हजार है। कई अफसर तो ऐसे भी हैं जो महज कुछ दिन में ही हटा दिए गए।
एक बार फिर से सोमवार को राज्य सरकार ने 41 आईपीएस अफसरों को इधर से उधर कर दिया है। जबकि पिछले दिनों हुए स्थानांतरण में से एक को निरस्त कर दिया गया है। सोमवार को जारी तबादला सूची में दो आईजी, छह डीआईजी व बाकी एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। तीन रेंज में नए डीआईजी और आठ जिलों में नए कप्तानों की तैनाती हुई है। जिन रेंज में नए डीआईजी तैनात किए गए हैं, उनमें गोंडा, बस्ती व मिर्जापुर शामिल हैं।
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पहले भी हटाए थे 42 आईपीएस अफसर
सरकार ने जिन जिलों में नए कप्तानों की तैनाती की है, उनमें सोनभद्र, बुलंदशहर, मुरादाबाद, एटा, जौनपुर, बलरामपुर, औरैया और फीरोजाबाद शामिल हैं। जिन्हें हटाया गया है, उन सभी को डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। पिछले दिनों सरकार ने जिन 42 आईपीएस को हटाकर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध किया था, उनमें से कई को सोमवार को हुए तबादले में तैनाती दे दी गई। हालांकि, एटीएस में डीआईजी व एसएसपी की तैनाती करते हुए संगठन को और मजबूत बनाने की कोशिश की गई है लेकिन एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक को एक बार फिर हटा दिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ का पद खाली
अमित पाठक पहले भी एसएसपी एसटीएफ थे, जहां से उन्हें एटा भेजा गया था। एटा में कुछ जन प्रतिनिधियों से अनबन की वजह से उन्हें वापस एसटीएफ ले आया गया था। लेकिन शिकायतों का दबाव बना रहा और आखिरकार राज्य सरकार ने उन्हें एसटीएफ से हटाकर डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। एसएसपी एसटीएफ के पद पर अभी किसी को तैनात नहीं किया गया है। इसके अलावा डीआईजी स्तर के एक अधिकारी का पिछले दिनों हुआ स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों जो तबादले किए थे, उनमें आगरा रेंज के डीआईजी विजय सिंह मीणा का बस्ती रेंज के लिए हुआ तबादला निरस्त कर दिया गया है। वह आगरा रेंज के डीआईजी बने रहेंगे।
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