फर्रुखाबाद: तंबाकू निषेध दिवस पर शनिवार को सादर तहसील सहित जगह-जगह गोष्ठियां आयोजित हुई। इस दौरान तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में चर्चा की गई। साथ ही लोगों ने नशा उन्मूलन का संकल्प भी लिया गया। तहसील सादर में तहसीलदार सदर ने सुझाव दिया कि जो लोग एकदम तम्बाकू न छोड़ सके वो अपनी एक खुराक रोज काम करते जाए| एक दिन आएगा जब आप तम्बाकू नहीं खाएंगे|
आयोजित गोष्ठी में इस पर रोकथाम को लिए विचार-विमर्श हुआ। सदर तहसील की गोष्ठी में राजेंद्र चौधरी तहसीलदार ने कहा कि विश्व की कुल आबादी के 34 फीसद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू जिंदगी में जहर घोल रही है| सोचो हम ऐसी चीज खाते है जिसे थूकना पड़ता है| तो थूकने वाली चीज क्यों खाई जाए| तहसीलदार ने इस मौके पर निर्णय लिया कि आज से वे रोज एक खुराक काम करेंगे और अगले 15 दिन में तम्बाकू छोड़ देंगे|
उन्होंने लेखपालों, अधिवक्ताओं व राजस्व कर्मियों को संकल्प दिलाया कि वह लोगों को नशा का परित्याग करने के प्रति प्रेरित करेंगे। अधिवक्ता मुन्ना यादव ने कहा कि तंबाकू, सिगरेट, गुटखा व अन्य नशा का सेवन करने से आर्थिक व सामाजिक क्षति होती है। इसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कि महिलाओं में भी नशा का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यह चिंता की बात है।
हर घंटे होती है 102 मौतें
– तंबाकू सेवन से होने वाले रोगों के चपेट में आने से विश्व में हर घंटे 102 लोग मौत के गाल में समा जाते हैं। यह आंकड़ा ग्लोबल एजल्ट सर्वे में जुटाया गया है। इससे सबसे अधिक फेफड़े का कैंसर होता है। एनआरएचएम की टीम के आंकड़ों के मुताबिक तंबाकू में सात हजार प्रकार के रसायन पाए जाते हैं। इसमें से 69 रसायन शरीर के लिए खतरनाक होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करने वालों पर दो सौ रुपये दंड लगाने का आदेश दिया है। पर इसके पालन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है।