इजी गैस सॉफ्टवेयर से कानपुर में मिलेगी गैस, फर्रुखाबाद के डीएम भी करा सकते है लागू !

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dm nks chauhaanडेस्क: वर्तमान में कानपुर के डीएम रोशन जैकब ईजी गैस सॉफ्टवेयर से गैस बुकिंग व्यवस्था लागू करवा रहे है| ये व्यवस्था वे पहले गोंडा और बस्ती जिलो में भी लागू करवा चुके है| इसके लिए उन्हें ई इंडिया और ई गवर्नेंस अवार्ड भी मिल चुका है| फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी एन के एस चौहान भी यह व्यवस्था फर्रुखाबाद में लागू करवा सकते है क्योंकि खाद्य रसद एवं आपूर्ति और प्राथमिक शिक्षा को सुधारना उनकी प्राथमिकताओं में है| अगर ऐसा हुआ तो श्री चौहान प्रदेश में ये व्यवस्था लागू करने वाले दूसरे डीएम बन जायेंगे|

क्या है ईजी सॉफ्टवेयर व्यवस्था (कानपुर से प्रकाशित समाचार के अनुसार)
कानपुर: घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं को आसानी से सिलेंडर उपलब्ध कराने और वितरण व्यवस्था पारदर्शी बनाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने ‘इजी गैस साफ्टवेयर’ लागू करने के निर्देश दिए हैं। गोंडा और बस्ती जिले में जिलाधिकारी यह साफ्टवेयर सफलता पूर्वक लागू करा चुकी हैं। इसके लिए भारत सरकार ने उन्हें ई इंडिया तथा ई गर्वनेंस एवार्ड से सम्मानित किया है।

जिलाधिकारी ने बुधवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रशांत शर्मा, जिलापूर्ति अधिकारी संतोष निरंजन, ऑयल कंपनी अधिकारियों, गैस एजेंसी प्रबंधकों आदि के साथ बैठक कर इजी गैस साफ्टवेयर लागू करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा इससे गैस वितरकों व उपभोक्ताओं के बीच पारदर्शिता आएगी। उपभोक्ता किसी भी लोकवाणी केंद्र से गैस की बुकिंग करा सकते हैं। इसकी उन्हे एक रसीद मिलेगी जिस पर गैस सिलेंडर मिलने की अनुमानित तिथि अंकित होगी। उपभोक्ता अपनी गैस डिलीवरी की वास्तविक स्थिति इंटरनेट के माध्यम से भी प्राप्त कर सकेंगे।

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रिफिल बुकिंग व डिलीवरी प्रक्रिया

-उपभोक्ता निकटतम लोकवाणी या जनसुविधा केंद्र में रसोई गैस की पासबुक व आईडीप्रूफ से सिलेंडर बुक करा सकेंगे।

-उपभोक्ता का विवरण निर्धारित पोर्टल पर दर्ज कर आपरेटर रसीद देगा। इसमें बुकिंग व डिलीवरी तिथि संग आईडीप्रूफ का विवरण अंकित होगा। इसके लिए उपभोक्ता को दस रुपये देने होंगे।

-21 दिन बाद दूसरी बुकिंग हो सकेगी।

-सिलेंडर की डिलीवरी लेते वक्त रसीद व आईडीप्रूफ दिखाना होगा।

-एजेंसी संचालकों को रोज सुबह पोर्टल पर कंपनी से आपूर्ति होने वाली एलपीजी सिलेंडरों की संख्या डालनी होगी।

-वितरक द्वारा स्टॉक की इंट्री करते ही पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बुकिंग तिथि के आधार पर उपभोक्ताओं को डिलीवरी तिथि आवंटित हो जाएगी।

-उपभोक्ता किसी भी लोकवाणी या जनसुविधा केंद्र में इंटरनेट पर अपने उपभोक्ता नंबर से गैस की डिलीवरी की तिथि देख सकते हैं।

-यह प्रणाली लागू होने के बाद उपभोक्ता के पास दोनों विकल्प होंगे। वे एजेंसी में भी बुकिंग करा सकेंगे। फोन से प्राप्त बुकिंग की गैस एजेंसी तुरंत शासन द्वारा तय पोर्टल पर इंट्री करेंगी।

-उपभोक्ता को सात दिनों में एलपीजी रिफिल की आपूर्ति नहीं होती है तो वह बुकिंग डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाएगी।

-जिलापूर्ति अधिकारी प्रतिदिन डिफाल्टर रिपोर्ट चेक करेंगे। जिलाधिकारी इस प्रक्रिया की मासिक समीक्षा करेंगे।

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