FARRUKHABAD : बद्री विशाल डिग्री कालेज में समाजशास्त्र द्वारा आयोजित गोष्ठी में समाज में बच्चों की भूमिका पर विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रकाश डाला गया। जिसमें कहा गया कि परिवार बच्चों की परवरिश करने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए परिवार का ही प्रथम दायित्व है कि वह बच्चों को अपराधी बनने से रोके।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डा0 घनश्याम अग्निहोत्री व विशिष्ट अतिथि हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 आर एन त्रिपाठी ने कालेज प्राचार्य के साथ सरस्वती प्रतिमा एवं पण्डित बद्रीविशाल दुबे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में बोलते हुए डा0 एम एस सिद्दीकी ने कहा कि भीख मांगना व देना दोनो ही अपराध माने जाने चाहिए। जिससे काफी हद तक बाल मजदूरी पर रोक लग सकती है। बीए द्वितीय वर्ष के अमीन सिद्दीकी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी कानून को भंग करना अनैतिक व्यवहार, आत्महत्या आदि 18 वर्ष से कम वाले जो बालक करते हैं वह बाल अपराधी कहलाते हैं।
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पहली जिम्मेदारी परिवार की होती है कि वह बच्चों को अपराधी बनने से रोकें। डा0 नीतू सेंगर ने कहा कि शिक्षण कार्य अनुशासित न होने के कारण समाज का पर्यावरण ही दूषित हो रहा है। डा0 श्यामलाल निर्मोही ने कहा कि जो अनुचित, अनैतिक कार्य बड़े लोग करते हैं, वही कार्य छोटे बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे करते हैं तो बाल अपराध कहलाता है, उन्हें सुधरने का मौका दिया जाये। समाज शास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो0 ए के शुक्ला ने कहा कि भारत वर्ष में बाल अपराध एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। सरकार के प्रतिबंध के बावजूद बढ़ता जा रहा है। गांव के अपेक्षा नगरों में बाल अपराध अधिक होता है। केरल में सबसे कम संख्या बाल अपराध की है।
इस दौरान मुख्य अतिथि डा0 घनश्याम अग्निहोत्री ने कहा कि देश में सुदृढ होने के लिए सर्वप्रथम देश सेवा का भाव विद्यार्थियों में होना आवश्यक है। माता पिता के संस्कारों के आधार पर ही बच्चे संस्कारित होते हैं।
बाल अपराध का मूल कारण परिवार और समाज है। हमारे देश में नैतिक शिक्षा लागू हो, जिससे बाल अपराध की समस्या का निदान हो सके। देश का विकास कैसे हो यह विचारणीय बिंदु है। इस दौरान डा0 माधुरी दुबे, डा0 शोभा श्रीवास्तव, डा0 जयश्री मिश्रा, डा0 रंजना, डा0 अर्चना, डा0 आर एन त्रिपाठी, डा0 आर के तिवारी, डा0 एस के श्रीवास्तव, डा0 संतोष आदि लोग मौजूद रहे।