FARRUKHABAD : कानून व्यवस्था किस कदर बिगड़ गयी है इसका जीता जागता उदाहरण फिर एक बार चरितार्थ हो गया। भूमि विवाद के चलते युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। पिता के भी गोली लगने से घायल हो गये। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है।
कंपिल थाना क्षेत्र के ग्राम बहबलपुर निवासी 70 वर्षीय सोनपाल पुत्र मनभावन का अपने ही परिवारी लोगों से भूमि विवाद चल रहा है। सोनपाल की चचेरी बहन चमेली के पति की मौत के बाद वह सोनपाल के घर पर ही रहती थी। घायल सोनपाल ने आरोप लगाया कि चमेली की मौत से पहले उसके हिस्से की 18 बीघा जमीन फर्जी तरीके से महेश पुत्र गंगाराम ने अपने नाम करा ली। जिसके चक्कर में चमेली की सदमें से मौत हो गयी थी। चमेली का मानसिक रूप से विक्षिप्त पुत्र राजेन्द्र सोनपाल के घर खाना खाता था। यह बात महेश व उसके परिजनों को अखर रही थी। अक्सर इस बात से कहासुनी हो जाती थी। मंगलवार प्रातः तकरीबन 7 बजे सोनपाल के घर के बाहर लगे हैन्डपम्प से महेश पानी भरने के लिए आया और उसने तैस में नल में कई लाठियां मार दी।
जिसका विरोध सोनपाल के परिवारी मनोज पुत्र महेन्द्र पाल ने किया तो आरोपी पक्ष हावी हो गया। सोनपाल का पुत्र 40 वर्षीय नानकराम भी विवाद होते देख बाहर निकल आया। जिस पर नानकराम उर्फ नन्हें की मौके पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी। नानकराम के पिता सोनपाल गंभीर रूप से गोली लगने के कारण घायल हो गये। मृतक नानकराम का भतीजा मनोज पुत्र महेन्द्र पाल भी चुटहिल हुआ। दूसरे पक्ष से महेश पुत्र गंगाराम की जांघ में चोट लगी। आरोपी का कहना है कि उसके भी गोली मारी गयी।
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घायल सोनपाल को उपचार हेतु लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर कंपिल थानाध्यक्ष व क्षेत्राधिकारी पहुंचे। इंस्पेक्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी महेश को हिरासत में लिया गया है जिससे पूछताछ की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।
घायल सोनपाल के तीन पुत्र थे जिसमें एक डा0 महेन्द्र पाल व मृतक नन्हें और देवेन्द्र पाल थे। देवेन्द्र पाल बहुत ही पढने लिखने में तेज था। उसने नेट क्वालिफाई किया था। किन्तु नौकरी नहीं की। वह इलाहाबाद में रहकर पीसीएस की तैयारी करता था। लगभग 10 वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में उसके कमरे से उसका शव मिला था। जिसका कारण आज तक नहीं पता चल सका। डेढ साल पूर्व आरोपियों द्वारा मृतक के परिजनों पर फायरिंग की गयी थी। मामला परिवार का होने के कारण पुलिस में शिकायत नहीं की थी।