KAMALGANJ (FARRUKHABAD) : जनपद में इस समय डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा मनमानी की जा रही है, फिर चाहे गरीब असहाय व्यक्ति मरे या जिंदा रहें इससे उनका कोई लेना देना नहीं है। कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र में तत्कालीन बसपा सरकार में नियुक्ति पायी एक बार्ड आया का तो इतना बुरा हाल है कि नौकरी के नाम पर लग्जरी गाड़ी से आकर हस्ताक्षर कर वापस हो जाती है। जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी राकेश कुमार ने गुरुवार को स्वास्थ्यकेन्द्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान भी गायब मिली बार्ड आया के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उन्होंने वेतन रोकने के आदेश दिये हैं।
विदित हो कि कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र में तत्कालीन सरकार के बसपा नेताओं के रहमो करम पर बार्ड आया रजनी परिहार ने भी नौकरी पा ली थी। बार्ड आया बसपा सरकार के दौरान तो अपनी पूरी दबंगई एमओआईसी व अन्य डाक्टरों पर झाड़ते हुए हस्ताक्षर कर गुजर करती रही। लेकिन सपा सरकार आने पर भी उसके रवैये में कोई बदलाव नहीं आया। जिस पर सीएमओ ने दो माह पहले निरीक्षण के दौरान गायब बार्ड आया को चेतावनी दी थी कि वह केन्द्र में मौजूद रहकर पर्चे बनायेगी।
लेकिन गुरुवार को जब सीएमओ राकेश कुमार स्वास्थ्यकेन्द्र निरीक्षण के लिए पहुंचे तो उन्होंने एमओआईसी मानसिंह के कक्ष में उपस्थित रजिस्टर चेक किया। जिस पर बार्ड आया रजनी परिहार के हस्ताक्षर देखे और कहा कि बार्ड आया को बुलाया जाये। लेकिन बार्ड आया अब न तब, एमओआईसी मानसिंह ने कहा कि सुबह साढ़े 9 बजे बार्ड आया रजनी परिहार आती है और हस्ताक्षर करने के बाद चली जाती है। यह सुनकर सीएमओ ने पूरे माह के हस्ताक्षर काट दिये। इस माह के भी हस्ताक्षरों पर लाल कलम चला दी।
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सीएमओ ने कहा कि उन्होंने दो माह पहले निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये थे बार्ड आया कमालगंज स्वास्थ्यकेन्द्र में बैठ कर पर्चा बनायेंगी। दोबारा वही मामला पाया गया कि बार्ड आया हस्ताक्षर कर रही हैं, ड्यूटी नहीं। जिस पर सीएमओ ने कहा कि ड्यूटी नहीं तो वेतन नहीं और उन्होंने बार्ड आया का वेतन रोकने के निर्देश दिये।
इसके बाद सीएमओ ने दवा वितरण स्टाक रूम देखा। फार्मासिस्ट प्रेमचन्द्र वर्मा ने दवाई इत्यादि को दिखाया तो सब कुछ ठीक मिलां महिला विभाग में लेवर रूम व इमरजेंसी ट्रे इत्यादि का भी निरीक्षण किया। ओटी में नसबंदी के केश देखे तो उसमें पाया कि आज 7 नसबंदी की गयी। संविदा पर तैनात डा0 यामिनी वर्मा, मोहम्मद जुबैर, स्टाफ नर्स शालिनी पीटर, दीपा शुक्ला ने मुख्य चिकित्साधिकारी से 6 माह का रुका मानदेय दिलाने की मांग की तो सीएमओ ने कहा कि जब तक आदेश नहीं आ जायेंगे तब तक मानदेय नहीं मिल सकेगा। वह नौकरी करें या छोड़ दें।