उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी चुनाव से पहले एक बार फिर पुराने ‘टोटके’ को आजमाने जा रही है। नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ताजमहल के शहर में होने का असर चुनाव में बेहतर परिणाम के रूप में सामने आया।
अब लोकसभा चुनाव में भी पार्टी इसी टोटके को आजमाना चाहती है। चुनाव से ठीक पहले कार्यकारिणी की बैठक आगरा में करने का फैसला लिया है।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
समाजवादी पार्टी की 2003, 2009 और 2011 राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आगरा में हुई थी। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकारिणी की बैठक के लिए हरिद्वार को चुना था लेकिन उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के चलते ऐन वक्त पर कार्यक्रम रद हो गया है।
काफी मंथन के बाद आगरा में ही बैठक करने पर सहमति बनी है। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, प्रोफेसर रामगोपाल, शिवपाल सिंह, मोहन सिंह सहित सभी राष्ट्रीय महासचिव और प्रमुख पदाधिकारी दो दिन तक दिल्ली के तख्त तक पहुंचने और रास्ते में आने वाले अड़चनों को दूर करने पर चर्चा करेंगे।
आगरा में प्रस्तावित बैठक से स्थानीय कार्यकर्ता उत्साहित हैं लेकिन तैयारियों के लिए समय कम होने से उनके माथे पर पसीने भी आ रहे हैं। शहर अध्यक्ष वाजिद निसार और मीडिया प्रभारी अनिल रावत का कहना है फिलहाल स्थान तय नहीं हुआ है लेकिन मुगल शेरेटन और जेपी पैलेस होटल में बैठक होने की संभावना है।
नमो-नमो की लहर में खिसक जाएंगे व्यापारी
समाजवादी पार्टी से व्यापारी वर्ग का कितना जुड़ाव रहता है यह सर्वविदित है। यह अलग बात है कि सपा की सत्ता आने के बाद व्यापारी वर्ग कुछ नजदीक आ जाता है। आगरा लोकसभा सीट की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी की व्यापारी वर्ग पर अच्छी पकड़ है।
सोमवार को आयोजित सम्मेलन में अमित शाह को लाकर भगवा खेमे ने व्यापारी वर्ग के दिलों पर दस्तक देने का काम किया है। जानकारों का कहना है कि चुनाव में नमो-नमो की लहर आई तो व्यापारी भाजपा की पतवार थाम लेगा। ऐसे में सपा व्यापार प्रकोष्ठ की नींद उड़ना लाजिमी है।
हालांकि सपा व्यापार प्रकोष्ठ के शहर अध्यक्ष मनोज गुप्ता कह रहे हैं कि भाजपा के कार्यक्रम में शहर का व्यापारी समाज नहीं था। जो थे वे सक्रिय कार्यकर्ता थे। सपा व्यापारी वर्ग के बीच काम कर रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास भी करेगी।