केंद्रीय कर्मचारियों को 10 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) देने को लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई तो दिन-दूना, रात-चौगुना बढ़ती महंगाई से जूझ रहे सूबे के करीब 18 लाख कर्मियों-पेंशनरों की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं।प्रदेश सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को डीए दिए जाने के बाद प्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों व पेंशनरों को डीए दिए जाने का फैसला करती है।
प्रदेश के करीब 18 लाख कर्मचारी और पेंशनर इस समय 80 प्रतिशत महंगाई भत्ता पा रहे हैं, मगर बढ़ती महंगाई के कारण यह नाकाफी साबित हो रहा है। कर्मचारी बताते हैं कि एक-एक महीने में पेट्रोल के दाम तीन-तीन बार बढ़ रहे हैं। घरेलू सामानों में महंगाई इस कदर बढ़ी है कि बढ़े भत्ते का असर ज्यादा दिनों तक नहीं रहा। ऐसे में डीए बढ़ने से थोड़ी राहत तो मिल ही जाएगी।
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वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मियों को महंगाई भत्ता दिए जाने के बाद प्रदेश सरकार अपने कर्मियों को डीए देने पर आने वाले खर्च का आकलन शुरू करती है। यह एक परंपरा है कि केंद्र अपने कर्मियों का जितना भत्ता बढ़ाता है, प्रदेश सरकार भी अपने कर्मियों को उतना भत्ता दे देती है।
महंगाई के मौजूदा स्तर पर केंद्रीय कर्मियों को यदि 10 प्रतिशत भत्ता दिया जाता है तो महंगाई भत्ता बढ़कर 90 प्रतिशत हो जाएगा। ऐसे में राज्य के कर्मियों को भी 90 प्रतिशत डीए मिल सकेगा।