FARRUKHABAD : बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय विभाग में तैनात फर्जी शिक्षकों के पालनहार के तौर पर कार्य कर रहा है। हद तो यह है कि डायट प्राचार्य द्वारा दो वर्ष पूर्व कराये गये सत्यापन में फर्जी पाये गये तीन शिक्षकों के विरुद्व कार्यवाही के आदेश के बावजूद बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इनमें से दो शिक्षकों के विरुद्व आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
विदित है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी और कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते विभाग में फर्जी शिक्षकों की भरमार है। शिकायतों के बावजूद विभाग इनके विरुद्व कार्यवाही करने को तैयार नहीं है। हद तो यह है कि कई बार सत्यापन के लिए जारी पत्र तक सम्बंधित फर्जी शिक्षकों को ही उपलब्ध करा दिये जाते हैं, जो ऐन केन प्रकारेण दोबारा फर्जी सत्यापन लाकर विभाग में जमा कर देते हैं। स्थिति यह है कि दो वर्ष पूर्व 03 अगस्त 2011 को तत्कालीन डायट प्राचार्य सुमित्रा गर्ग ने अपने आदेश संख्या 348-50 के माध्यम से बेसिक शिक्षा अधिकारी को तीन अध्यापकों राजनरायन शाक्य, श्रवण कुमार व नरेन्द्र पाल के प्रमाणपत्र सत्यापन में फर्जी पाये जाने की सूचना अभिलेखों सहित भेजकर इनके विरुद्व वैधानिक कार्यवाही के आदेश दिये थे।
वरिष्ठ अधिकारी के आदेश और सत्यापन आख्या उपलब्ध होने के बावजूद बेसिक शिक्षा अधिकारी विगत दो वर्षों से मामले को दोबारा सत्यापन के नाम पर उलझाये हुए हैं। उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र पाल और श्रवण कुमार के विरुद्व कार्यवाही के नाम पर आज भी बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्यापन आख्या प्राप्त होने पर कार्यवाही का आश्वासन ही दे रहे हैं।
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