FARRUKHABAD : प्रदेश में की जा रही 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर लटक गयी है। हाईकोर्ट में दायर याचिका की आज बुधवार को सुनवाई होनी थी। जिस पर टीईटी अभ्यर्थियों की निगाहें टिकी हुईं थीं लेकिन हाईकोर्ट में तारीख आगे बढ़ जाने की सूचना मिल रही है। अगली तारीख 27 फरवरी बतायी गयी है। सूत्रों के मुताबिक अगली 27 तारीख तक सरकार ने यूपी टीईटी की सीडी व हार्डडिस्क की फोरेंसिंक जांच लखनऊ में कराने की बात कही है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को समय देकर अगली तारीख 27 फरवरी दे दी है।
विदित हो कि प्रदेश में बसपा शासन काल में ही 72 हजार 825 पदों के लिए प्रशिक्षु सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 2011 में विज्ञापन जारी किया गया था। जिसके आधार पर प्रदेश में लाखों अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। लेकिन बाद में टीईटी परीक्षा में घोटाला घपला सामने आने के बाद भर्ती प्रक्रिया अदालती कार्यवाही में लटक गयी। जिसके बाद प्रदेश में शासन बदल गया और जिसके साथ ही भर्ती प्रक्रिया की तस्वीर भी बदल दी गयी व पिछला विज्ञापन व भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गयी।
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समाजवादी पार्टी के शासनकाल में दोबारा भर्ती का खाका तैयार कर गुणांक मैरिट के आधार पर आवेदन 7 दिसम्बर 2012 को आवेदन मांगे गये। जिसके क्रम में प्रदेश में लगभग 69 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। 22 जनवरी को कटआफ मैरिट भी जारी कर दी गयी। लेकिन 4 फरवरी को जैसे ही काउंसलिंग शुरू की गयी तो हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से टीईटी में पायी गयीं धांधली के साक्ष्य मांगे। जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार साक्ष्य जुटाने में लगी है। अब माना जा रहा है कि यदि उत्तर प्रदेश सरकार पुख्ता सबूत न जुटा पायी तो भर्ती प्रक्रिया का क्या होगा।
बुधवार 20 फरवरी को जिस पर सुनवाई होनी थी। आज मात्र 10 मिनट सुनवाई हुई। अगली सुनवाई की तिथि 27 फरवरी निश्चित की गई है। कोर्ट को सरकारी वकील द्वारा बताया गया कि पूरकहलफनामा तथ्यों की जाँच के बाद उपलब्धकराया जा सकेगा । मामले की जाँच अभी पूरी नही हो पाई है । जिस पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 27 फरवरी कर दी है।