फर्रुखाबाद : जनपद में एक तरफ बेसिक शिक्षा के सुधार के लिए प्रशासन शिक्षकों को सुधरने की हिदायत देने के साथ ही स्कूलों में औचक निरीक्षण कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों की परेशानियों को धता बता स्कूलों में शासन स्तर से भेजे गये ड्रेसों व बस्तों के धन को तक प्रधानाध्यापक व प्रधान के खातों में हस्तांतरित नहीं की गयी हैं। जिससे अधिकांश स्कूलों में अब तक ड्रेस व बस्तों का वितरण नहीं किया गया है।
शासन स्तर से जहां 2 अक्टूबर को ही समस्त परिषदीय स्कूलों में ड्रेस व बस्ता वितरण कराये जाने के कड़े निर्देश दिये गये थे लेकिन आज १६ अक्टूबर हो जाने के बाद भी जनपद के अधिकांश स्कूलों में ड्रेसों का वितरण नहीं किया गया है। जिसका सीधा कारण अभी तक जनपद प्रशासन द्वारा योजना में आये धन को खातों में हस्तांतरित न करना बताया जा रहा है। अभी तक जिन स्कूलों में ड्रेसें वितरण की भी गयीं हैं उनका रुपया या तो प्रधान व प्रधानाध्यापक ने दिया है या फिर किसी बस्ता व ड्रेस सप्लायर ने उधार खाते में ड्रेसें दी हैं। वहीं जनपद में पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी स्कूलों में ड्रेस व बस्तों के वितरण के लिए दलाल सक्रिय हो गये हैं। दलालों का कहना है कि वह ड्रेसें व बस्ता ले लें भुगतान बाद में होता रहेगा। लेकिन प्रधानाचार्यों का मानना है कि दलालों द्वारा दी जा रही ड्रेसें व बस्ते बहुत ही घटिया क्वालिटी के होने के कारण उन्हें वितरित नहीं किया जा सकता। वहीं शासन स्तर से प्रत्येक छात्र के नाप के अनुसार ड्रेसें सिलवाये जाने के निर्देश दिये गये हैं। लेकिन दलालों द्वारा दिये जा रहे बस्ते व ड्रेसें रेडीमेड हैं। जो किसी छात्र के बड़ी आ रही हैं तो किसी के छोटी बन रहीं हैं। इस हालत में प्रधानाध्यापक भी भविष्य में जांच होने के भय से दलालों को वापस लौटा रहे हैं। लेकिन दलाल मुनाफाखोरी के चलते स्कूलों में प्रतिदिन दस्तक दे रहे हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि उन्होंने पहले ही सभी स्कूलों में ड्रेस वितरण के लिए बिल बनाकर बैंकों को भेज दिये हैं। लेकिन बैंकों से खातों में धनराशि ट्रांसफर होने में देरी हो रही है। जो भी हो हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी यही लग रहा है कि ड्रेस व झोला वितरण का कार्य पूरे सत्र भर चलेगा। फिर भी कई गरीब शासन की योजना से वंचित रह जायेंगे।