एक माह से चल रही थी सौदेबाजी
फर्रुखाबाद- अन्य जनपदों से स्थानांतरण पर आये शिक्षकों की पदस्थापन सूची शनिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी कर दी गयी। विगत एक माह से बीएसए कार्यालय में चल रहे लेन-देन व सौदेबाजी की खबरों के बीच जारी सूची अपने आप में अनियमितताओं का दस्तावेज है। हद तो यह है कि एक पूर्व माध्यमिक सहायक अध्यापिका को तो प्राथमिक सहायक अध्यापिका बना दिया गया। बेचारी का कुसूर केवल इतना था कि उसने इस संबंध में एक प्रार्थनापत्र तहसील दिवस में दे दिया था।
स्थानांतरण पर आये शिक्षकों से बेसिक शिक्षा विभाग में विगत एक माह से कथित सौदेबाजी की खबरों की पुष्टि शनिवार को जारी पदस्थापन सूची ने स्वयं ही कर दी है। अनियमितताओं के इस दस्तावेज में ऊपर तो उल्लेख किया गया है कि जनपद में योगदान करने वाले शिक्षकों को उसी पद एवं वेतन क्रम में पद स्थापित किया गया है। परंतु यह सच नहीं है। जनपद पीलीभीत से स्थानांतरण पर आयी पूर्वमाध्यमिक सहायक अध्यापिका कुसमा देवी को विकास खंड नवाबगंज के प्राथमिक विद्यालय अमरापुर नगला मकोड़ा मे सहायक अध्यापक बना कर भेज दिया गया है। बेचारी कुसमा देवी का कुसूर केवल इतना था कि उसने विगत 3 अक्टूबर को हुए तहसील दिवस पर एक प्रार्थनापत्र दे दिया था। जिसमें शिक्षिका ने केवल इतना कहा था कि उसे दस्यु प्रभावित या दर्गम कटरी क्षेत्र में भेजने के स्थान पर नवीन अथवा एकल बंद स्कूल में पदस्थापित कर दिया जाये। परंतु बेचारी कुसमा को तो सजा के तौर पर पदावनति दे दी गयी।
तहसील दिवस से ही संबंधित एक और रोचक मामला। विगत 18 सितंबर को मोहम्मदाबाद के ग्राम देवसनी निवासी गंगा प्रसाद ने तहसील दिवस में शिकायती पत्र दिया था। इसमें कहा गया था कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में 230 छात्र पंजीकृत हैं। विद्यायलय में कार्यरत एक मात्र प्रधानाध्यापक को समायोजन में हटा दिया गया। जिससे बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ रहा है। इस आवेदन का निस्तारण सूची जारी होने से एक दिन पूर्व 5 अक्टूबर को किया गया। निस्तारण आख्या में लिखा गया कि फिलहाल अस्थायी व्यवस्था कर दी गयी है। स्थानांतरण पर आये शिक्षकों के पदस्थापन के समय इस स्कूल में अध्यापक की नियुक्ति कर दी जायेगी। मजे की बात है कि पदस्थापन सूची में इस विद्यायल का कहीं नामोनिशान तक नही है।