गणपति बप्पा अगले बरस तुम जल्दी आना

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फर्रुखाबाद: बीते एक सप्ताह से चल रहे गणपति पूजन के बाद विसर्जन शुरू होते ही शहर में गली गली मोहल्ले-मोहल्ले जिधर देखिये उधर भगवान श्री गणेश के भक्ति गीतों पर श्रद्धालु झूमते नजर आ रहे हैं। शहर क्षेत्र के कटरा डौरूनाथ व तलैया मोहल्ले की गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गंगा में किया गया। इस दौरान भीड़ देखने लायक थी। भक्त झूम झूम भगवान गणेश के भक्तिगीतों में सराबोर हो रहे थे। चौक से लेकर घटियाघाट तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी।

डौरूनाथ मोहल्ले में स्थापित किये गये भगवान गणेश की प्रतिमा में आज विसर्जन की तैयारियां सुबह से ही जोरों पर थीं। श्रद्धालु भारी मात्रा में प्रातः से ही मूर्ति के पास एकत्रित हो गये। पूजा अर्चना व हवन इत्यादि का लम्बा दौर चला। तकरीबन दो घंटे से अधिक चले आरती व हवन कार्यक्रम के बाद प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जन के लिए स्थापना से उठाकर रथ पर बिठाया गया। रथ चलने से पूर्व नेहरू रोड पर लगी मटकी फोड़ने के लिए युवाओं ने काफी जुनून दिखा। कई बार प्रयास करने के बाद आखिर श्रद्धालुओं ने मटकी को फोड़ा। जिसे देखने के लिए काफी संख्या में महिलायें, बच्चे और पुरुष नेहरू रोड पर एकत्रित हो गये। जिनको नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी काफी मसक्कत करनी पड़ी। तत्पश्चात भक्ति गीतों पर थिरकते हुए श्रद्धालु नेहरू रोड होते हुए बूरा वाली गली के पास पहुंचे तो वहां भी मटकी फोड़ने का कार्यक्रम पहले से ही तय था। विसर्जन यात्रा बूरा वाली गली पर आकर पुनः रुक गयी। श्रद्धालु मटकी फोड़ने के लिए दोबारा प्रयास करने लगे। कई बार चढ़ जाने के बाद युवकों ने मटकी को फोड़ दिया और यात्रा गंगा की तरफ बढ़ गयी।

गंगा घाट पर पहुचे श्रद्धालुओं ने पूरा घाट घेर लिया और मूर्ति विसर्जन के समय गणपति के दर्शन करने को लालायित दिखे। श्रद्धालुओं ने घाट पर मूर्ति रख पहले उनकी विधिवत पूजा अर्चना की। तत्पश्चात पहले कुछ छोटी मूर्तियों के बाद भगवान गणेश की मूर्ति को गंगा के पवित्र जल में विसर्जित कर बोले गणपति बप्पा अगले बरस तुम जल्दी आना।

रास्ते भर श्रद्धालुओं ने चखा गणपति बप्पा का प्रसाद
मोहल्ला डौरूनाथ व तलैया मोहल्ला से निकाली गयी विसर्जन यात्रा में पूरे रास्ते श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश के प्रसाद का लुत्फ उठाया। ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर ले जायी गयी बूंदी, कलेण्डर, केले, पूड़ी, नमकीन, हलुआ आदि प्रसाद के रूप में पूरे रास्ते भर श्रद्धालुओं को वितरित किये जाते रहे। श्रद्धालु बड़े ही मस्ती से झूमते गाते गणपति बप्पा का प्रसाद चखते हुए गंगा की तरफ बढ़े चले जा रहे थे।