विगत एक दशक से सर्राफा कमेटी पर एक छात्र राज्य कर रहे अनुपम रस्तोगी का एकधिकार तोड़ने के लिये इसबार राजनीति शरू हो गयी है। अनुपम के प्रभाव के चलते सर्राफा कमेटी के जिलाध्यक्ष अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ की मोनोपोली टूट रही है।
सर्राफा कमेटी के विगत चुनाव में भी सर्राफा कमेटी की गुटवाजी खुलकर सामने आई थी। अनुपम को सर्राफा कमेटी से बहार करने में कुछ और सर्राफों का सहयोग मिल रहा है। योजना के तहत ही नए अध्यक्ष के रूप में भी उनके परिवार के ही मनोज रस्तोगी का नाम लिया जा रहा है। सर्राफा कमेटी के चुनाव के लिए हुई पहली बैठक में अनुपम रस्तोगी मौजूद नहीं थे। इस बैठक में मनोज का नाम अध्यक्ष के लिए लिया गया पर नाम तय नहीं हो पाया। जिलाध्यक्ष ददुआ ने बताया की नगर कमेटी निष्क्रिय होने की बजह से चुनाव कराये जा रहे हैं। 15 दिन में नया अध्यक्ष चुन जायेगा। इस बीच मनोज रस्तोगी को सदस्यता प्रमुख बनाकर सदस्यता भारती का काम शुरू हो गया है। अशोक अग्रवाल, जय सिंह वर्मा औए राधाकृष्ण दुबे को चुनाव अधिकारी बनाया गया है। ददुआ ने बताया की अनुपम रस्तोगी ने कई सालों से न तो कोई बैठक बुलाई है और न कोई कार्यक्रम किया है। इसलिए नए चुनाव कराये जा रहे हैं। अनुपम के एक नजदीकी ने बताया कि चुनाव से स्वर्णकारों को अलग रखा जा रहा है। जब कि सर्राफा कमेटी का कोई कार्यक्रम बिना स्वर्णकारों के पूरा नहीं हो सकता।