फर्रुखाबाद: शहर क्षेत्र के लोहाई रोड स्थित राधा श्याम शक्ति मंदिर में चल रहे प्रवचन कार्यक्रम के आज तीसरे दिन भी श्रोता भक्तिरस में भावविभोर दिखे। दूसरे दिन डा0 सुरेन्द्र ने श्रोताओं को भगवान कृष्ण व श्रीराम के जीवन पर कथा सुनाकर अलौकिक आंदन का अनुभव कराया।
श्रोताओं को संबोधित करते हुए डा0 सुरेन्द्र ने कहा कि राम व कृष्ण दोनो एक ही हैं। पूर्ण पुरुष परमात्मा श्रीराम और श्रीकृष्ण में कोई भेद नहीं है। श्रीराम का जन्म सूर्यवंश में हुआ। सूर्य की 12 कलायें होती हैं और वह 12 कलाओं से पूर्ण होता है इसलिए श्रीराम का अवतार 12 कलाओं से युक्त है। वहीं भगवान श्रीकृष्ण का जन्म चन्द्र वंश में हुआ, चन्द्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण 16 कलाओं से युक्त हैं। उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को श्रीराम जैसा बनना चाहिए तभी उसे कृष्ण लीला में प्रवेश करने का अधिकार होगा और तभी वह कृष्ण की लीला को समझ पायेगा।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण लीला में प्रवेश करने से पूर्व श्री राम चरित्र का चिंतन मनन व आचरण करने से जीविका, तन, मन और जीवन शुद्धि और पवित्र होने के बाद ही उसे श्रीकृष्ण लीला में प्रवेश करने का अधिकार होगा। श्रोताओं को विभिन्न प्रवचनों से भावविभोर करते हुए डा0 सुरेन्द्र ने बताया कि श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन अंतरंग वर्णन वाणी से परे है। इस दौरान सत्संग में भारी मात्रा में श्रद्धालु मौजूद रहे। विशेष रूप से रामचन्द्र जालान, रामकृष्ण सिगतिया, सावरमल अग्रवाल, विनय अग्रवाल, कृष्णगोपाल जालान, अवनीश गुप्ता आदि ने सत्संग की व्यवस्था देखी।