फर्रुखाबाद : नरौरा बांध से गंगा में छोड़े जा रहे लगातार पानी से क्षेत्र के तटवर्ती गांवों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिससे शनिवार को गंगा का जलस्तर बढ़कर 136.75पर पहुंच चुका है जिससे अब गंगा चेतावनी बिंदु से 15 सेन्टीमीटर ऊपर बह रही है। क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। जलस्तर में हुई वृद्धि सेआवागमन के रास्ते भी बंद हो गये हैं। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जनपद के राजेपुर, अमृतपुर, कमालगंज व कायमगंज क्षेत्र के दर्जनों ग्रामों में पानी भर गया है। जिससे ग्रामीणों की सैकड़ों बीघा मक्का व धान की फसलें गंगा में समा चुकी हैं। कायमगंज क्षे़त्र के ग्राम दोषपुर, कुंआखेड़ा, बुनियादपुर, छोटी खजुरिया, बड़ी खजुरिया, अलीगढ़, अजमतपुर, खॉन आलमपुर, छतरई सहित लगभग एक दर्जन गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। इन गांवों में खान आलम तो पूरी तरह बाढ़ से पूरी घिर कर एक टापू बन चुका है। यहां के वाशिंदे गांव को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये हैं। वहीं अलीगढ़ तथा खजुरिया छोटी तथा खजुरिया छोटी सहित कुआखेड़ा, बुनियादपुर मंे बाढ़ के वेग से पानी घुस गया है। जिससे यहां के वाशिंदों के घरों में भी पानी पहुंचने लगा है। लोगों के जलस्तर में होती वृद्धि को देखकर अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है।
सबसे ज्यादा परेशानी उनके पालतू जानवरों को बांधने की हो रही है। क्योंकि अधिकांश घरों में पानी में भी जानवर बंधे हैं। गांव वालों का कहना है कि पानी में बंधे जानवरों के बीमार होने खतरा बढ़ा हुआ है। कुछ लोगों के मकान में रखा अनाज तथा जरूरी सामान पानी से भीग कर खराब होने लगा है। गांव में अनाज पीसने के लिए लगी चक्कियां भी बंद पड़ी हैं जिससे लोगों को आटे की परेशानी भी हो रही है। इसके लिए लोगों को गहरे पानी में घुस कर बाजार से पिसा हुआ आटा लाने को मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने तो अपने बचाव के लिए घरों की छतों पर मोमियां तान ली हैं और बाढ़ त्रासदी को झेलने को विवश हैं।
कम्पिल क्षेत्र के गांव इकलहरा में बाढ़ रोधक बनाये गये बांध भी अब गंगा के जलस्तर को रोकने में असमर्थ हैं क्योंकि इन बांधों से ऊपर पानी बहने से यह बाढ़ का पानी गांव मे घुसना शुरू हो गया है। लोगों ने गांव में घुस रहे पानी को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना शुरू कर दिया है। इसी साथ गांव शाहपुर मे भी गंगा के पानी का वेग बढ़ने लगा है। जिससे लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों के घरों में पानी भर गया है।