बाबा रामदेव का आंदोलन गुरुवार से शुरू हो गया है। लेकिन इसके साथ ही एक विवाद भी शुरू हो गया। रामलीला मैदान में जिस पंडाल से बाबा आंदोलन कर रहे हैं, वहां एक पोस्टर लगाया गया था। पोस्टर में भगवान कृष्ण, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों के साथ आचार्य बालकृष्ण की तस्वीर लगी थी। पोस्टर में लिख गया था- जेल आंदोलनकारियों का तीर्थ है। आचार्य को बीमारों का भगवान बताया गया। मीडिया में यह पोस्टर दिखाए जाने के बाद इसे मंच से हटा दिया गया। आचार्य बालकृष्ण को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। बाबा ने पोस्टर के जरिए अपने मंच से इस गिरफ्तारी को जनहित और देशहित में आचार्य का जेल जाना बताने की कोशिश की।
इस विवाद के बीच रामलीला मैदान में करीब दस हजार लोगों के बीच बाबा रामदेव आंदोलन शुरू कर चुके हैं और उन्होंने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि तीन से पांच दिन के अंदर सरकार विदेश में जमा काला धन वापस लाने को लेकर कदम उठाने का ऐलान करे। बाबा के लिए अच्छा संकेत यह है कि संसदीय कार्य मंत्री हरीश रावत ने कहा है कि सरकार और रामदेव के बीच बातचीत के दरवाजे खुले हैं।
बाबा रामदेव गुरुवार को सबसे पहले बापू को श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंचे। वहां श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद वह शहीद पार्क गए और फिर वहां से रामलीला मैदान गए। इससे पहले सुबह करीब 8 बजे बाबा रामदेव अहमदाबाद से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर मीडिया से उन्होंने कहा कि वह देश के जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। रामदेव के मुताबिक इन्हें लूटा जा रहा है। योग गुरु ने कहा कि वह भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। अन्ना हजारे के आज रामलीला मैदान नहीं आने पर बाबा रामदेव ने कहा कि उनके साथ देश और उसकी जनता है।
रामलीला मैदान में 300 स्नानघर, 500 शौचालय बनाए गए हैं। वहीं, 30 डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है। पुलिस ने मैदान में 30 हजार लोगों के हिस्सा लेने की अनुमति दी है। बाबा का आंदोलन 25 अगस्त तक चलने की उम्मीद है। हालांकि प्रशासन से 30 अगस्त तक के लिए अनुमति ली गई है।