यूपी में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2012 के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। राज्य सरकार इस बार यूपी बोर्ड से टीईटी कराने का दायित्व लेकर किसी दूसरी संस्था को देने पर विचार कर सकती है। शासन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से मिले प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बुधवार को बैठक बुलाई गई है। प्रमुख सचिव सुनील कुमार की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी को प्रस्ताव भेजा जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेंगे।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य कर दिया गया है। यूपी में वर्ष 2011 में टीईटी आयोजित कराई गई थी। उस समय परीक्षा कराने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद को दी गई। परीक्षा के बाद अंक संशोधन के दौरान हुई गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, इतने विवादों के बाद भी टीईटी निरस्त नहीं की गई है। टीईटी का आयोजन प्रत्येक वर्ष जुलाई में किया जाना चाहिए, लेकिन इस बार देर होने की वजह से नवंबर 2012 में इसके आयोजन की तैयारी है। इससे पहले टीईटी कराने के लिए संस्था के चयन पर अंतिम निर्णय किया जाना है। इसलिए शासन स्तर पर बुधवार को बैठक बुलाई गई है।