अन्ना हजारे अपनी पार्टी बना सकते है। अन्ना ने कहा है कि अगर जनता कहेगी तो पार्टी भी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है कि लोग अपने उम्मीदवारों को चुनें और उन्हें किसी एक पार्टी के बैनर तले लाया जाए। अन्ना अगले चुनाव से पहले पूरे देश में भ्रमण की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से कहूंगा कि अपने उम्मीदवार खुद चुनें। मैं उन उम्मीदवारों के लिए प्रचार करूंगा।
जंतर-मंतर पर अनशन के दौरान भीड़ न जुटने पर उठ रहे सवाल पर उन्होंने माना कि ये सच है कि इस बार लोग कम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसी लॉबी का हिस्सा नहीं हूं। जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेगा, मैं उसे समर्थन दूंगा।
टीम अन्ना के आंदोलन में भीड़ को लेकर सवाल जरूर सवाल उठे हैं लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आंदोलन के आगे का रास्ता क्या होगा? क्योंकि सिर्फ अनशन से कुछ नहीं होने वाला है। पहली बार अन्ना ने साफ तौर पर इशारा किया कि टीम अब राजनीतिक अखाड़े में कूदेगी।
टीम अन्ना की राजनीतिक लड़ाई कितनी कामयाब होगी? इसे लेकर सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। राजनीतिक दल इशका विरोध कर रहे हैं लेकिन अन्ना के समर्थन में उतरी जनता इसे सही फैसला बता रहे हैं। जंतर-मंतर पर मौजूद लोगों ने अन्ना को समर्थन देने की बात की है। अन्ना चाहे खुद राजनीतिक पार्टी बनाएं या किसी अन्य दल को समर्थन देने की बात कहे, उनके समर्थक में उतरी जनता वही करेगी जो वो कहेंगे।
अन्ना के अनशन में मीडिया से बदसुलूकी, भीड़ जुटाने के लिए रामदेव ने भेजा संदेश
मजबूत लोकपाल लाने और भ्रष्ट केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ एसआईटी गठित करने की मांग को लेकर टीम अन्ना का अनिश्चितकालीन अनशन पहले 3 दिनों में जनता को अपनी तरफ नहीं ‘खींच’ पाया है। पहले दिन दो से तीन हजार लोग जंतर मंतर पर टीम अन्ना को समर्थन देने के लिए देखे गए थे। लेकिन दूसरे दिन से यह संख्या बहुत ही कम हो गई। तीसरे दिन यानी शुक्रवार की सुबह भी सिर्फ 100 के आसपास लोग ही धरना प्रदर्शन में मौजूद हैं। इस बीच, खबर है कि बाबा रामदेव अनशन स्थल पर दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे पहुंच सकते हैं। बाबा रामदेव ने अपने समर्थकों को संदेश भेजा है कि वे 2 बजे तक बड़ी संख्या में जंतर मंतर पर पहुंचें।
आंदोलन के दूसरे दिन गुरुवार को अन्ना हजारे की मौजूदगी के बावजूद सुबह 11 बजे यहां प्रदर्शनकारियों की संख्या 600 से भी कम थी। दोपहर के वक्त प्रदर्शनकारियों की संख्या करीब 1000 रही। टीम के सदस्य कुमार विश्वास ने भी माना है कि उनकी टीम के अनशन को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा है।