एमडीएम फर्जीवाड़े की जांच में बीडीओ व एबीएसए का अड़ंगा: शिक्षक बोले डीएम मुर्दाबाद

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फर्रुखाबाद: मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत फर्जी छात्र संख्या के आधार पर कन्वर्जन कास्ट व खाद्यान्न की अध्यापकों व ग्राम प्रधानों की मिलीभत से जारी बंदरबांट पर डीएम की नजर टेढी होते ही हडकंप मचगया है। जिलाधिकारी ने मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत अभिलेखों में दर्ज छा़त्र संख्या का वास्तविक उपस्थिति से मिलान कराने के आदेश दिये थे। इसके लिये गुरुवार को विकास खंड बढपुर पर विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को अभिलेखों के साथ बुलाया गया था। परंतु वास्तविक जांच तो बीडीओ व खंड शिक्षा अधिकारी की खींचतान में उलझ कर रह गयी। उल्टे अध्यापकों ने रसोइयों के मानदेय दिलाये जाने के नाम पर डीएम के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये।

बढ़पुर ब्लाक के समस्त परिषदीय अध्यापकों को मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत फर्जी छात्र संख्या व मध्यान्ह भोजन अभिलेखों की जांच के लिए पहुंचे अध्यापकों ने बीडीओ व एबीएसए के बीच खींचतान को देखकर अभिलेख दिखाने के कार्यक्रम का बहिस्कार कर दिया और जिलाधिकारी मुर्दाबाद के नारे लगा दिये। परिषदीय स्कूलों के सभी अध्यापक बढ़पुर ब्लाक में तकरीबन 2 बजे पहुंच गये थे। हेडमास्टर अजीमुद्दीन ने बताया कि हम सभी के मोबाइलों पर खण्ड विकास अधिकारी रामगोपाल वर्मा के यहां से मोबाइलों पर मैसेज भेजा गया कि सभी बढ़पुर ब्लाक के परिषदीय स्कूलों के प्रधानाचार्य गुरुवार को दो बजे ब्लाक पहुंचे। बीडीओ सभी प्रधानाचार्यों को मध्यान्ह भोजन व छात्रवृत्ति उपस्थित रजिस्टर चेक करेंगे। मैसेज के आधार पर सभी अध्यापक ब्लाक पहुंच गये। तकरीबन डेढ़ घंटे तक बैठने के बावजूद बीडीओ की तरफ से कोई कार्यवाही न हुई तो अध्यापकों ने बीडीओ का घेराव कर दिया। उसी दौरान खण्ड विकास अधिकारी रामगोपाल वर्मा भी बीडीओ के पास पहुंच गये और उन्होंने अध्यापकों के मध्यान्ह भोजन रजिस्टर को आडिट करने की बात कही। जिस पर उन्होंने कह दिया कि मेरे पास कोई लिखित में सूचना नहीं है। इसके बाद उन्हें जिलाधिकारी द्वारा आदेशित पत्र उपलब्ध कराया गया। बीडीओ व खण्ड विकास अधिकारी की आपसी नोकझोंक के चलते अध्यापकों ने अपना सब्र खो दिया और ब्लाक के बाहर निकलकर जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगा दिये।

प्रधानाध्यापक नीरज सक्सेना रामपुर ढपरपुर, जितेन्द्र यादव महलई, सोमनाथ दीक्षित, मुनीश मिश्रा, विमल दुबे, अवनीश कटियार आदि ने मांग की कि उन्हें कन्वर्जन कास्ट के साथ-साथ रसोइयों को मानदेय दिया जाये। तभी वह लोग अभिलेखों की जांच करवायेंगे। मांगों को लेकर उन्होंने एक अगस्त तक का समय दिया। जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से आये वयान के अनुसार अगर एक अगस्त तक अध्यापकों की मांगें पूरी नहीं की गयीं तो अध्यापक कोई बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे।

 

एमडीएम सत्यापन का शिक्षकों ने किया बहिष्कार
कमालगंज (फर्रुखाबाद): ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा एमडीएम का सत्यापन करने के लिए ब्लाक कमालगंज में प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बुलाया गया था। लेकिन ब्लाक परिसर में सत्यापन कराने आये अध्यापक व अध्यापिकाओं ने एमडीएम सत्यापन कराने से मना कर दिया

इस दौरान शिक्षकों ने सत्यापन का बहिष्कार करते हुए कहा कि जब तक हम लोगों को जेब से खर्च किया गया रुपया नहीं मिल जाता तब तक मध्यान्ह भोजन का सत्यापन नहीं करा सकते। शिक्षकों का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी जुलाई से खर्च होने वाला रुपया ही दिलाना चाहते है। जबकि इससे पहले उनकी जेब से मिड डे मील में रुपया खर्च किया जा चुका है।

वहीं ग्राम पंचायत अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों का लेखा जोखा सही नहीं है। जब यह कहा कि लेखा जोखा को सही से बनाकर लाइये इस बात पर यह लोग बहिष्कार करने लगे। कई अध्यापकों ने तो ग्राम पंचायत अधिकारियों पर रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया। कुछ अध्यापकों का कहना था कि हम लोगों को 25 से 30 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिल रहा है। जबकि 15 हजार वेतन पाने वालों को हमारा सत्यापन करने का अधिकार दिया गया है।

इस अवसर पर राजेश यादव, पीयूष कटियार, तौफीक खान, सुमन दीक्षित, नसीमुद्दीन, सगीर अहमद, कमल पाल, संदीप वर्मा, लालता देवी, पुष्पलता, बृजेश, देवेश यादव, शारिक महमूद, माया शर्मा आदि आधा सैकड़ा अध्यापकों ने बहिष्कार किया।