लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में सोमवार को सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय प्रशिक्षण प्रदान कराकर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।
निर्णय के अनुसार, 11 जुलाई, 2011 को शिक्षा मित्रों के प्रशिक्षण के लिए राज्य सरकार ने जो दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उसके अन्तर्गत 1,24,000 स्नातक अर्हता वाले शिक्षा मित्रों को दो चरणों में प्रशिक्षित करने के प्रस्ताव के अन्तर्गत पहले बैच में 62 हजार शिक्षा मित्रों का प्रशिक्षण जुलाई 2011 से तथा दूसरे बैच का जुलाई 2013 से प्रशिक्षण प्रस्तावित है। मंत्रिमण्डल ने दूसरे बैच के प्रशिक्षण को जुलाई 2012 से प्रारम्भ करने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है।
इसी प्रकार प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की तैनाती के लिए जुलाई 2013 में 62 हजार, जुलाई 2014 में 62 हजार तथा जुलाई 2015 में 48 हजार प्रशिक्षित शिक्षा मित्रों की तैनाती करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमण्डल ने स्वीकार कर लिया है। इनमें इण्टरमीडिएट अर्हताधारी शिक्षा मित्र भी शामिल हैं। यह लोग जैसे स्नातक अर्हता प्राप्त करेंगे वैसे-वैसे उन्हें भी शिक्षक के रूप में तैनात किए जाने पर राज्य सरकार विचार करेगी।
इन इण्टरमीडिएट अर्हताधारी शिक्षा मित्रों के सम्बन्ध राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से अनुमति प्राप्त कर ली जायेगी। प्रशिक्षण में इनका चिन्हांकन शिक्षा मित्र की प्रथम नियुक्ति तिथि के क्रम में किया जाएगा। यानी कि जिसकी नियुक्ति ग्राम पंचायत में पहले की है, उसको वरिष्ठता क्रम में ऊपर रखा जाएगा। यदि एक ही नियुक्ति के कई शिक्षा मित्र हैं तो उच्च शैक्षिक अर्हता रखने वाले को वरीयता प्रदान की जायेगी। यदि नियुक्ति तिथि तथा शैक्षिक अर्हता भी समान है तो अधिक उम्र के शिक्षा मित्र को वरीयता प्रदान की जाएगी। इस चयन में आरक्षण प्रावधान का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।