अधिकारियों की मिलीभगत से बिना लाइसेंस हो रहा कुन्तलों मिलावटी सूतफेनी का निर्माण

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फर्रुखाबाद: सावन के महीने में मिलावटखोर अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शहर में दर्जनों दुकानों पर सूतफेनियों का निर्माण कुंतलों की संख्या में किया जा रहा है। इसके बावजूद भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपने आंखों पर पट्टी बांधकर घूम रहे हैं। न ही दुकानों में साफ सफाई है और न ही कोई मानक। सूतफेनी दुकानदार गोदामों में महीनो पहले से ठसाठस सूतफेनी बनाकर भर रहे हैं।

जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी ने बीते तकरीबन एक माह पूर्व लिंजीगंज में छापेमारी करवाकर हजारों लीटर रिफाइंड व नकली वनस्पति घी बरामद किया था। जिसके बाद कई मिलावटखोर जेल चले गये। जिलाधिकारी की सख्ती के बाद उनके पदेन अधिकारी डीएम की नजरों में ईमानदार साबित होने के लिए छुटपुट छापेमारी करते रहे। लेकिन जिलाधिकारी की नजरें बाजार की मिलावटखोरों से हटते ही शहर में फिर खाद्य व्यापारियों की मनमानी शुरू हो गयी है। सावन के महीने में उपभोग की जाने वाली सूतफेनी व्यापारी महीनों से हजारों कुन्टल मात्रा में बनाबनाकर भर रहे हैं। शहर में कई सूतफेनी निर्माण करने वालों के पास इसका लाइसेंस तक नहीं है। इसके बावजूद खाद्य सुरक्षा विभाग चुप क्यों है, इस बात के लिए वह स्वतः ही शक के घेरे में आ जाते हैं। खाद्य अधिकारी अनिल कुमार शंखवार ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि जनपद में कितने व्यापारियों के सूतफेनी बनाने का लाइसेंस है।

लगभग में भी श्री शंखवार इस बात की पुष्टि नहीं कर पाये कि कितने व्यापारी प्रशासन की अनुमति से सूतफेनी का थोक का व्यापार कर रहे हैं या जो सामिग्री इनको बनाने में उपयोग हो रही है वह मानक के अनुरूप है या नहीं। फिलहाल अभी तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि शहर में इस तरह की कोई फैक्ट्री चल रही है।