कमालगंज (फर्रुखाबाद): वैसे तो प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। लेकिन यदि किसी मौजूदा विधायक के गांव में बने राजकीय चिकित्सालय में पेयजल व सफाई व्यवस्था तक मुहैया न हो और वह विधायक भी सत्ता पक्ष का विधायक हो तो इसे शासन की नाकामी ही कहेंगे। इसी का दंश झेल रहे यूनानी चिकित्सालय के चिकित्सक व मरीज जो कि दिन दिन भर या तो प्यासे ही रहते हैं या फिर कहीं पड़ोस के गांव से पानी की व्यवस्था की जाती है। यह हाल कहीं और का नहीं वल्कि वर्तमान सरकार में विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के गांव जरारी में बने राजकीय यूनानी चिकित्सालय का है।
कमालगंज के जरारी में बने विशालकाय इस चिकित्सालय में अभी तक किसी भी सफाईकर्मी की नियुक्ति नहीं की गयी है। जिससे चिकित्सालय में भारी गंदगी रहती है। चिकित्सालय के चारों तरफ झूल झाकड़ भी उग आये हैं। जिससे वन जैसा माहौल दिखायी देता है। इस चिकित्सालय का 12 नवम्बर सन 2008 में उद्घाटन किया गया था। उसी समय यहां पर एक हैन्डपम्प लगवाया गया था। हैन्डपम्प में ही एक समर भी फिट करवा दिया गया था। जिससे नल व समर में उसी समय से काला पानी निकल रहा है। जोकि पीने योग्य नहीं है।
चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डा0 मो0 मोहसिन ने बताया कि हैन्डपम्प में काला पानी आने की जानकारी कई बार उच्चाधिकारियों को दी गयी लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लायी गयी। उन्होंने बताया कि जब हम लोगों को प्यास लगती है तो गांव के नलों से पानी भरवाकर पी लेते हैं। वहीं यहां आने वाले मरीजों को भी पेयजल न होने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अब प्रदेश सरकार के लिए बड़ी ही शर्म की बात है कि विधायक के गांव में बने राजकीय चिकित्सालय में प्राथमिक सुविधायें पानी व सफाई व्यवस्था तक मुहैया नहीं करा पाये हैं तो आम अन्य ग्रामों व दूर दराज के ग्रामीण इन प्रतिनिधियों पर क्या आशा रख सकते हैं कि वह उन गांवों का भी विकास करायेंगे या उन्हें भी चिकित्सा सुविधा मुहैया करायी जायेगी।