काम के बोझ को लेकर चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने सीएमएस को घेरा

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फर्रुखाबाद: शहर क्षेत्र के आवास विकास स्थित राममनोहर लोहिया अस्पताल में बुधवार को सुबह से ही हंगामा शुरू हो गया। एक तरफ इलाज कराने के लिए मरीज इकट्ठे हो रहे थे वहीं दूसरी तरफ मुख्य चिकित्साधीक्षक के कार्यालय के बाहर चतुर्थश्रेणी कर्मचारी एकत्र होकर हंगामा करने की योजना बना रहे थे। कुछ देर बाद लोहिया अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक एन बी कटियार कार्यालय पहुंचे तो चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्साधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर दी। चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्साधीक्षक का घेराव कर अपनी मांगें रखीं।

कर्मचारी नेता एस एन सचान व चतुर्थश्रेणी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एस कुमार के नेतृत्व में लोहिया अस्पताल के चतुर्थश्रेणी कर्मचारी सीएमएस कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और सीएमएस डा0 एन बी कटियार के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाये। इस दौरान सीएमएस ने कई डाक्टरों को चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों से मिलने से पहले अपने कार्यालय में बुलाया और दरबाजा बंद करके काफी देर बातचीत की। उसके बाद कर्मचारियों को मंत्रणां के लिए अंदर बुलाया गया।

कर्मचारी नेता एस एन सचान के नेतृत्व में पहुंचे सभी कर्मचारी अचानक सीएमएस से भिड़ गये। अपनी-अपनी मांगें रखने लगे। कर्मचारियों ने मांग उठाई कि लोहिया अस्पताल के सभी चिकित्सकों के लिए बाहर से दवाइयां उपलब्ध करायी जाती हैं। जबकि कर्मचारियों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। अगर कोई कर्मचारी डाक्टर के पास दवाई की बात करता भी है तो वह ऐसा आदेश नहीं करते हैं। इसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ। चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने सबसे पहले जिलाधिकारी की दादी के इलाज के लिए डाक्टर उनके घर पर उपलब्ध कराने की बात पर विफर गये और उन्होंने कहा कि अगर डीएम की दादी का इलाज उनके घर पर जाकर सरकारी डाक्टर कर सकता है तो हम लोगों को यह सुविधा क्यों नहीं। इस पर सीएमएस ने कहा कि जिलाधिकारी की बराबरी हम लोग नहीं कर सकते। आप अन्य कोई मांग रखें।

सीएमएस नरेन्द्र बाबू कटियार ने सभी चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को कहा कि सभी कर्मचारी अपनी-अपनी बर्दी में मिलेंगे और जो वर्दी में नहीं मिला उसको अनुपस्थित समझा जायेगा। बार्ड में पट्टी करने को लेकर चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों और सीएमएस में काफी झड़पें हुईं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सीएमएस ने हम लोगों से लिखित में यह ले रखा है कि कोई भी कर्मचारी पट्टी नहीं करेगा वल्कि डाक्टर या सम्बंधित नर्स की मदद ही कर सकता है। इसके बावजूद भी हम लोगों से पट्टी क्यों करवायी जा रही है। कर्मचारियों ने कहा कि अगर हम लोगों से पट्टी करवाना ही है तो पहले हम लोगों को प्रशिक्षण दिया जाये। इस पर सीएमएस ने सभी चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को किसी भी मरीज की पट्टी न करने की बात कही और हिदायत दी कि सभी कर्मचारी अपने-अपने काम को कायदे से करें। वरना स्थानांतरण कर दिया जायेगा। चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाये कि 11 बजे तक कोई डाक्टर अपने कक्ष में नहीं बैठता कुछ डाक्टर तो प्राइवेट पै्रैक्टिस कर रहे हैं।

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि देर रात किसी मरीज के आने पर जब हम लोग डाक्टर को काल करते हैं तो डाक्टर काल के बाद भी मरीज देखने नहीं आते, नतीजन मरीज या तो इलाज के अभाव से खत्म हो जाता है या दूसरी जगह लेकर चला जाता है। मरीज के मरने की स्थिति में गालियां हम लोगों को सुननी पड़ती हैं। काफी देर आरोप प्रत्यारोप चलने के बाद मामले को शांत किया गया।

मुझे पद पर रहने का कोई शौक नहीं: सीएमएस
चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों व सीएमएस के बीच चल रही नोकझोंक ने एक बार बीच में बहुत अधिक तूल पकड़ लिया तो सीएमएस एन बी कटियार ने चतुर्थश्रेणी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष एस कुमार से कहा कि मुझे सीएमएस की कुर्सी पर बैठने का कोई शौक नहीं। चाहे इसकी शिकायत जिलाधिकारी से करें। जब तक मैं कुर्सी पर हूं तब तक तुम लोगों को कार्य करना पड़ेगा और अगर कार्य नहीं करना है तो आप लिखकर दे सकते हैं। इस दौरान डा0 ए के मिश्रा, डा0 वी वी पुष्कर, डा0 वी के दुबे भी मौजूद रहे। उनके साथ भी कर्मचारियों की कहासुनी हो गयी।