जब सुजीत सिरकर ने आयुष्मान खुराना के साथ विकी डोनर फिल्म बनाई तो देश में स्पर्म (वीर्य) डोनेशन पर खुलकर पहली बार बहस हुई। हालांकि इस फिल्म में विकी स्पर्म दान के रूप में नहीं देता है बल्कि वह पैसे कमाने के लिए बेचता है। विकी को स्पर्म के बदले इतने पैसे मिलते हैं कि वह इसे ही पेशा बना लेता है। स्पर्म बेचना भारत के लिए नई बात है।
विकी डोनर आने के बाद इस प्रवृत्ति को खूब हवा मिली। हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल विकी ही स्पर्म बेचता है। बरखा भी अपना डिंब या अंडे बेचती है। यहां किसी एक बरखा की बात नहीं है। बरखा का मतलब है कि लड़कियां भी अपना डिंब या अंडे आईवीएफ ( इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) यानी शरीर के बाहर डिंब या शुक्राणु के निषेचन के लिए मोटी कीमत लेकर बेचती हैं। लड़कियां डिंब या अंडे के बदले 25 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक वसूलती हैं।
अंडे दान करने वाली लड़कियों के भी हैं तीन वर्ग
अंडे दान करने वाली लड़कियों के भी तीन वर्ग हैं। पहली जिनके अपने बच्चे हैं और अब वे पैसे के लिए ऐसा कर रही हैं। दूसरी वो आईवीएफ के लिए हॉस्पिटल पहुंचती हैं और उनके अंडों की गुणवत्ता देखकर डॉक्टर उन्हें अपने अंडे जरूरतमंद महिला को साझा करने का सुझाव देते हैं। इसके बदले उनके आईवीएफ का खर्च माफ हो जाता है। तीसरा वर्ग उन पढ़ी-लिखी हाई-प्रोफाइल लड़कियों का है जो अपनी ऊपरी खर्चे निकालने के लिए यह काम करती हैं। 20-22 साल की ये लड़कियां बिल्कुल विकी की तरह ही बिंदास हैं।
अंडे (डिंब) दान या स्पर्म दान में क्या फर्क है?
एक प्रक्रिया के तौर पर स्पर्म दान से कहीं लंबी प्रक्रिया अंडे दान की है। इस पूरी प्रक्रिया में 12 से 14 दिन का समय लगता है। एग डोनेशन बैंक से एक उचित लड़की को चुनकर इस प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। करीब आठ से 10 दिनों तक हार्मोन इंजेक्शन लगाकर लड़की का मासिक चक्र मां बनने की इच्छुक महिला के मासिक चक्र से मिलाया जाता है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि 10 से 12 अंडे बन सकें। फिर बिना किसी ऑपरेशन उन अंडों को बाहर निकालकर उनका शुक्राणुओं से मेल करा दो दिन बाद मातृत्व की चाह रखने वाली महिला के गर्भ में आगे के विकास के लिए रख दिया जाता है। इसके 12 दिन में महिला का गर्भ ठहरना सुनिश्चित हो जाता है। इन सारी प्रक्रिया में बच्चे के लिए अंडा मुहैया कराने वाली लड़की की पहचान गुप्त रखी जाती है।
पंजाबी मूल की लड़कियों के डिंब सबसे महंगे
पंजाबी मूल की लड़कियों के डिंब या अंडे की गुवणत्ता को सुपर माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि इनकी कद और शारीरिक बनावट शानदार होती है। ऐसे में इनके डिंब से होने वाली संतान के तीखे नैन-नक्श और ऊंचे कद की संभावना प्रबल होती है।