आर्थिक तंगी में विवाहिता फांसी पर झूली, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

Uncategorized

फर्रुखाबाद: शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नुनहाई निवासी सत्येन्द्र मिश्रा की 22 वर्षीय पत्नी अंजना ने बीते दिन दोपहर को पंखे में लटकर कर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। बुधवार को पुलिस को सूचना दी गयी।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को सत्यदेव व उसका पुत्र सत्येन्द्र अपने- अपने काम पर चले गये। अंजना की सास रामादेवी भी अपने मायके सत्येन्द्र की शादी के लिए बोला गया प्रसाद चढ़ाने सुधनीपुर चली गयी। दोपहर तकरीबन 12 बजे बक्से पर चढ़कर अपनी साड़ी से पंखे में लटक कर अंजना ने फांसी लगा ली। दोपहर बाद जब सत्येन्द्र घर पर खाना खाने आया तो कमरे के दरबाजे सटे हुए थे। सत्येन्द्र ने खोलकर देखा तो अंजना पंखे पर झूल रही थी। सत्येन्द्र ने अंजना को खुद ही नीचे उतारकर बैड पर लिटा दिया और अपने पिता सत्यदेव को घटना की जानकारी दी। सत्यदेव ने उस समय तत्काल लौटकर घर आ गये और तत्काल अंजना के मायके वालों को सूचना दी। मंगलवार की शाम तकरीबन 3 बजे मायके पक्ष के लोग भी घर पर पहुंच गये। लेकिन तब तक किसी ने पुलिस को सूचना नहीं दी। दोनो पक्ष आपस में समझौते का प्रयास करते रहे लेकिन बात न बनने पर मायके पक्ष के लोगों ने पुलिस को सूचना दी और दूसरी तरफ से जबाबी तहरीर अंजना के ससुर सत्यदेव ने पुलिस को दी। एस एस आई विगन सिंह यादव के अलावा एसआई श्रीकृष्ण ने मौके पर पहुंचकर घटना के बारे में जांच पड़ताल की।

मृतक अंजना के पिता राधेश्याम शुक्ला ने बताया कि मौत के पीछे दहेज का कोई मामला सामने नहीं आया। न ही ससुराली लोग अंजना के साथ कभी मारपीट करते थे। उसके पति सत्येन्द्र के साथ नौकरी छोड़ने को लेकर अक्सर कहासुनी हो जाया करती थी। लेकिन इसके बावजूद राधेश्याम मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

मृतक अंजना के ससुर सत्यदेव मिश्रा ने बताया कि उसके पुत्र सत्येन्द्र का विवाह नरसियामऊ, पाली, हरदोई निवासी राधेश्याम शुक्ला की पुत्री के साथ फरवरी 2010 में हुआ था। सत्येन्द्र मिश्रा लिंजीगंज में एक बीड़ी फैक्ट्री में नौकरी करता है। खुद सत्यदेव तीन हजार रुपये प्रति माह पर एक एजेंसी में काम करता है। सत्येन्द्र का बड़ा भाई संजीव मिश्रा भी लिंजीगंज में ढाई हजार रुपये प्रति माह की नौकरी करता है। लेकिन वह अपनी पत्नी रानी के साथ घर में अलग रहता है। सत्यदेव के साथ उसका पुत्र सत्येन्द्र, पुत्रवधू अंजना व सत्येन्द्र की मां रामदेवी भी रहती हैं।

सत्यदेव के अनुसार 2200 रुपये प्रति माह की नौकरी से सत्येन्द्र का गुजारा नहीं चल रहा था। जिसको लेकर पत्नी के साथ अक्सर सत्येन्द्र का विवाद हो जाता था। अंजना का कहना था कि कहीं ज्यादा रुपयों की नौकरी कर लो। लेकिन सत्येन्द्र नौकरी बदलने को तैयार नहीं था।

आर्थिक तंगी की एक बजह और थी, सत्येन्द्र की शादी में उसके पिता सत्यदेव ने एक लाख रुपये लोन लिया था। जिसको चुकाने में सारा रुपया खर्च हो रहा था।