यादवों के कहर से ग्रामीण पलायन को मजबूर, पुलिस के अनुसार स्थिति सामान्य

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शमशाबाद (फर्रुखाबाद): प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद से यादवों के हौसले बुलंद हैं। जिससे आये दिन यादवों का कहर गरीबों व मजलूमों पर ढाया जा रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व राजेपुर के ग्राम खाखिन में यादवों द्वारा एक कटेरिया वर्ग के लोगों पर कहर ढाया गया था। खाखिन का मामला अभी लोग भूल भी नहीं पाये थे कि थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर दामोदर में यादव समाज के लोगों ने शाक्य समाज के लोगों पर कुछ इस कदर कहर ढाना शुरू किया कि ग्रामीण गांव छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गये हैं। शाक्य समाज के ग्रामीणों ने शमशाबाद पुलिस पर यादवों का पक्ष लेने का भी आरोप लगाया है।

जानकारी के अनुसार थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर में प्राइमरी विद्यालय के पास ग्राम समाज की भूमि पड़ी थी। जिसको यादव समाज के लोग दबंगई में कब्जा करना चाहते थे। यादवों को ग्राम समाज की भूमि कब्जाने से शाक्य समाज के कुछ लोगों ने मना किया। जिस पर अभी दो दिन पूर्व ही दोनो पक्षों में जमकर ईंट पत्थर व लाठी डन्डे चले। मामला शमशाबाद थाने पहुंचा तो दोनो पक्षों में समझौता करा दिया गया। लेकिन समझौते के बाद भी यादव समाज के लोग शाक्यों पर कहर ढाना बंद नहीं किये। शाक्यों की लड़कियों व औरतों का घरों से निकलना दूभर हो गया। शाक्य समाज के लोगों ने बताया कि विगत रात्रि यादव लोगों ने घरों में ईंट पत्थर फेंके हैं। शाक्य समाज के लोगों ने बताया कि वह लोग यादवों से बहुत ही भयभीत हैं। अब उन्होंने गांव छोड़ने का फैसला कर लिया है।

शुक्रवार को शाक्य समाज के कुछ लोगों ने जुगाड़ में अपने पशु व सामान भरकर अपनी रिश्तेदारियों में जाने लगे। यह जानकारी जब शमशाबाद थाना पुलिस को लगी तो उसने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। जिसमें कुछ लोगों को अभी पलायन से रोक लिया गया है। फिर भी लगभ 30-40 लोग चले गये हैं। शेष वाहनों की व्यवस्था के इंतजार में हैं। शमशाबाद थानाध्यक्ष डीके सिसोदिया ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय के पास ग्राम समाज की जमीन पर दोनो पक्षों के घूरे रखे थे। जिन्हें हटवा दिया गया है। दोनो पक्षों पर निरोधात्मक कार्यवाही भी कर दी गयी है।

जो भी हो समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद से जनपद में ही नहीं समूचे प्रदेश में अपराधिक घटनायें बढ़ गयीं हैं। जिसे रोकने में उत्तर प्रदेश पुलिस भी पंगु लग रही है। पंगु भी क्यों न हो, अधिकतर अपराधिक घटनायें करने वाले लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त रहता है। जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की साख पर सवालिया निशान लगता है। यही हाल रहा तो सपा सरकार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ना तय है।

ग्राम प्रधान रीना के पति संदीप कुमार ने JNI को बताया कि गांव में कुल लगभग एक दर्जन घर शाक्य बिरादरी के लोगों के हैं। इनमें से चार-पांच घरों के लोग अपने अपने रिश्तेदारों के यहां पलायन कर गय हैं। शेष लोग पुलिस के दबाव में आज नहीं जा सके हैं। रात में या कल तक वाहनों कीव्यवस्था करके वह भी पलायन कर जायेंगे। उन्होंने बताया कि विगत 28 जून को ग्रामीण जिलाधिकारी से शिकायत करने गये थे। डीएम ने ग्रामीणों को एसपी के पास भेज दिया। एसपी साहब ने एसओ से बात की तो थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को ही हमलावर बताकर उनको भ्रमित कर दिया व शिकायतकर्ताओं में से कुछ को पकड़ कर बंद कर दिया। जैसे तैसे जमानत कराई। जब ग्रामीणों को विश्वास हो गया कि उच्चाधिकारियों से शिकायत का भी कोई लाभ नहीं है तो उन्होंने गांव छोड़ने का ही मन बना लिया।

पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी के अवकाश पर होने के कारण उनका कार्य देख रहे अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों के गांव छोड़कर जाने की बात गलत है। उन्होंने बताया कि मीडिया जानबूझकर प्रायोजित खबर के तौर पर घटना को बढ़ा चढ़ा कर बता रही है। उन्होंने फोटो के बारे मे भी कहा कि जानबूझ कर कुछ ग्रामीणों को खड़ा करके फोटो खींच लिये गये हैं। उन्होने बताया कि गांव में हलका इंचार्ज ने स्थिति सामान्य होने की रिपोर्ट दी है। दोनों पक्षों में ग्रामसमाज की जमीन को लेकर विवाद है। तीन दिन से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों के आठ-आठ लोगों के विरुद्ध धारा 107/116 के तहत कार्यवाही की गयी है।