प्रदेश के निकायों में घोटालों की जांच करेगी विजिलेंस

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निकायों में छोटी मोटी गड़बड़ी हो या फिर घोटाला, अधिकारियों या कर्मचारियों के आचरण की जांच हो या फिर उनकी शिकायत, इसकी जांच अब विजिलेंस से कराई जाएगी। इसके लिए शासन स्तर पर विजिलेंस प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। संयुक्त सचिव अबरार अहमद को मुख्य सतर्कता अधिकारी व अनुसचिव उमाशंकर सिंह को सतर्कता अधिकारी बनाया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास प्रवीर कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। दोनों अधिकारी तत्काल अपना काम शुरू कर देंगे।

केंद्र सरकार ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय अरबन नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) योजना के तहत यूपी में विकास कार्य कराने के लिए अरबों रुपये दिए हैं। केंद्र ने यह राशि इन शर्तों के साथ दी है कि वह अरबन रिफार्म लागू करेगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण काम निकाय अधिकारियों और कर्मचारियों को जांच के दायरे में लाने के लिए आंबुड्समैन व्यवस्था लागू करने की है। इसके तहत शासन स्तर पर सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया जाना है। प्रदेश के 630 निकायों में किसी प्रकार की गड़बड़ी, घोटाला या फिर अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत की इस प्रकोष्ठ के माध्यम से जांच कराई जाएगी।
राज्य सरकार पहले इसके गठन के पक्ष में नहीं थी। मायावती सरकार ने केंद्र को इस संबंध में यह जानकारी दी थी कि यूपी में पहले से सतर्कता विभाग है और किसी भी विभाग में होने वाली गड़बड़ी की जांच इसके माध्यम से ही कराई जाती है इसलिए निकाय स्तर पर इसके गठन का कोई औचित्य नहीं है। पर केंद्र सरकार ने इसे मानने से इनकार कर दिया था। प्रदेश में अब अखिलेश सरकार काम कर रही है। इस सरकार ने निकायों के लिए शासन स्तर पर सतर्कता प्रकोष्ठ के गठन का फैसला किया है। विभाग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत की जांच यह प्रकोष्ठ ही करेगा।