फर्रुखाबाद: और फिर मंगलवार की रात के अँधेरे में लाल त्रिपोलिया चौक घंटाघर के आस्तीन में लगा बसपा नेता के नाम वाला पत्थर उखड़ गया| चापलूसी और चमचागिरी की चादर ओढ़ कुछ सरकारी सिपहसालारो ने पिछले पांच साल में मिली झूठन का हक अदा करने में कोई कसर नंही छोड़ी| मगर ऐ खबर पढ़ने वालो हैरान मत होना जब यही इबारत वापस लौट उसी जगह लगे| फर्क बस इतना होगा कि अधिशासी अधिकारी आर डी बाजपेयी की जगह शिवपूजन यादव का नाम खुदा हो| ये अंदरखाने की वो खबरी मिसाइल है जिसकी डिजाइन तैयार हो चुकी है बस बंकर से बाहर निकलना बाकी है| बसपा और सपा की ताकत और हैसियत का आंकलन यहीं से तय होना शुरू हो जायेगा| पत्थर से मनोज अग्रवाल का नाम तो न हटेगा बाजपेयी की जगह यादव हो जायेगा|
दिन भर सपाइयो ने कवायद की| बार बार अफसरों को फोन लगाया| एक अफसर ने दूसरे अफसर पर इल्जाम ठोका| ठेकेदार ने अफसर पर ही तोहमत लगा दी मगर उसे पत्थर उखाड़ने के लिए चौक पर एक मजदूर नसीब नहीं हुआ| सब नसीब की बात है| बात अब मूछो की है| घर के बाहर ताजिंदगी नाम की पहचान कराने वाला पत्थर उखड़ गया तो क्या होगा| पांच साल तक चौक पर अध्यक्ष के घर दिन रात हाजिरी लगाकर कर झंडा ऊँचा करने वालो ने दिन भर कवायद की| पत्थर की नयी डिजाइन तैयार हुई, खाका खीचा गया कि नाम न हटे और नयी खोज देर रात में इबारत का स्थान खाली हो गया| जेएनआई को खास सूत्रों से जानकारी भी मिली है कि अब अधिशासी अधिकारी का नाम बदल कर पुराने अधिशासी अधिकारी शिवपूजन अधिकारी का नाम लिखा जायेगा और जिससे ये तस्दीक हो जाये कि ये पत्थर पुराना है|
ऐसा हुआ क्यूँ इसके लिए पढ़िये-
खुलासा: मनोज (बसपा) का पत्थर प्रेम, वर्षो पुराने चौक घंटाघर पर लिखवाई अपनी इबारत