लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि विधायक सदन में जितनी बहस करेंगे, उतना ही अच्छा रहेगा। उन्होंने नवनिर्वाचित विधायकों को सलाह दी कि वह सदन में खूब बहस और तर्क करें। इससे सही फैसले निकलेंगे। सीएम यह बातें विधायकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। प्रदेश विधानसभा में इस बार 168 नये विधायक चुनकर आये हैं।
उन्होंने कहा कि बहस की पुरानी परम्परा इधर कम हुई है, इसे फिर से गति देनी है। बहस को सार्थक बनाने के लिए विषय की पूरी तैयारी करनी पड़ेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सदन की कार्यवाही ज्यादा से ज्यादा चलाने की पूरी कोशिश की जाएगी। उनका कहना है कि बहस से अच्छा संदेश जाता है। विधानमंडल की कार्यवाही ज्यादा दिनों तक चलेगी तो राज्य खुशहाल बनेगा। जनता के सवालों को जोश के साथ उठाने की उन्होंने वकालत की।
अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें पहली बार विधानमंडल के सदस्य के रुप में बैठने का मौका मिलेगा। वह कोशिश करेंगे कि विधानमंडल के सदस्य के तौर पर वह अच्छा आचरण पेश करें। उन्होंने कहा कि लोकसभा का पहली बार सदस्य बनने पर वह सदन के सबसे कम उम्र के सदस्य थे लेकिन पढ़कर और वरिष्ठ लोगों को देखकर अच्छा संसद सदस्य साबित होने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि इस बार कुछ ऐसे सदस्य आये हैं जिनकी अभी शादी नहीं हुई है अर्थात वे युवा हैं ऐसे सदस्यों को अच्छा आचरण पेश कर बेहतरीन सदस्य साबित होना पड़ेगा। उनका कहना है कि सदन में तर्को के आधार पर बहस करने वाले सदस्यों को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्हें उम्मीद है कि इस बार सदन में सार्थक बहस होगी और इन बहसों के माध्यम से जनता का काम होगा। उन्होंने कहा कि कई बार सदन में सदस्यों की आवाज दब जाती है लेकिन अनुशासित ढंग से मसलों को उठाने वाले सदस्यों की आवाज को बहुत दिन तक कोई दबा नहीं सकता।