कभी नेहरु और राधाकृष्णन भी बैठे थे इसी नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर

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फर्रुखाबाद: नगरपालिका अध्यक्ष फर्रुखाबाद की कुर्सी भी का भी अपना एक एतिहास है। आजकल नगरपालिका के स्टोर में धूल खा रही इसी अखरोट की लकड़ी से बनी कुर्सी पर कभी जवाहर लाल नेहरू और सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी विराजमान हो चुके हैं।

अगले माह होने वाले चुनाव के परिणाम ही यह तय करेंगे कि नगर पालिका अध्यक्ष की इस कुर्सी पर कौन बैठेगा। घपलों-घोटालों व भृष्टाचार के गढ़ के तौर पर नगर पालिका को जानने वाली नयी पीढ़ी के लिये यह जानना काफी अचरज की बात होगा कि नगर पालिका अध्यक्ष की इस कुर्सी का अपना भी एक एतिहासिक महत्व है। इसी कुर्सी पर कभी पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु भी आसीन हो चुके हैं।

1949 में फर्रुखाबाद को कांग्रेस अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन में पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अखरोट की लकड़ी से बनी इसी कुर्सी पर बैठकर अध्यक्षता की थी। बाद में सेना के एक कार्यक्रम में फतेहगढ़ आये पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के लिए इसी कुर्सी को फतेहगढ़ ले जाया गया था।

1996 में शहर में पेयजल समस्या को लेकर हुए एक जनआन्दोलन में आन्दोलनकारियों ने स्टोर में घुसकर इस कुर्सी को चकनाचूर कर दिया था। जब अधिकारीयों को इस कुर्सी के एतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी हुई तो इसकी मरम्मत कराने के निर्देश दिए। सोफा कारीगर फुन्दन ने कानपुर जाकर कुर्सी की मरम्मत कराइ थी।

बोर्ड की बैठकों में अध्यक्ष इसी कुर्सी पर बैठकर अध्यक्षता करते हैं। अभी तक आशिक अली खान, शफीक अली खान, शंभू नाथ सक्सेना, अमज़द अली खान, नवाब सैयद हैदर, डा. बीएन सरीन, डा. रघुबीर दत्त शर्मा, मौलवी हकीम अयूब, सेवती प्रसाद सक्सेना, मुरारी लाल तिवारी, सत्य मोहन पाण्डेय, हाफिज़ शमशुद्दीन उर्फ फुर-फुर मियां, दमयंती सिंह और मनोज अग्रवाल ने इसी कुर्सी पर बैठकर बैठकों की अध्यक्षता की है। अब इस एतिहासिक कुर्सी को अपने नए “माननीय अध्यक्ष” का इंतज़ार है।